प्रोजेक्टर पर वीडियो दिखाकर जल संरक्षण का दिया संदेश
जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से जल संरक्षण को लेकर आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन कार्यशाला में जिला सलाहकार दीपक कुमार ने ग्रामीणों को जागरूक किया। दीपक ने बताया कि 1966 में हरियाणा में 28 हजार ट्यूबवेल थे जो अब बढ़कर आठ लाख 12 हजार हो चुके हैं।
संवाद सहयोगी, ढांड : जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से जल संरक्षण को लेकर आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन कार्यशाला में जिला सलाहकार दीपक कुमार ने ग्रामीणों को जागरूक किया। दीपक ने बताया कि 1966 में हरियाणा में 28 हजार ट्यूबवेल थे, जो अब बढ़कर आठ लाख 12 हजार हो चुके हैं। जिला सलाहकार दीपक कुमार ने बताया कि प्रदेश के 22 में से 17 जिले पीने के पानी के लिए नहरों पर निर्भर हैं। इनमें हिसार, भिवानी ,रोहतक, सिरसा, जींद, फतेहबाद, झज्जर, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात, पलवल, सोनीपत, पानीपत, चरखी-दादरी और कैथल शामिल है। यदि हम कैथल जिले की बात करें तो जिले के दो खंड राजौंद, कलायत व कैथल शहर नहरी पानी पर निर्भर है। ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर डा. सतविद्र सिंह ने ग्राम जल एवं सीवरेज कमेटी के कर्तव्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विभाग के टोल फ्री नंबर 1800-180-5678 के बारे में भी बताया। जिला सलाहकार ने प्रोजेक्टर पर पानी बचाने की छोटी-छोटी वीडियो दिखाकर जल संरक्षण का संदेश दिया। प्रशिक्षण कार्यशाला में गांव पबनावा, सलीमपुर-महमूद, पाबला, धेरड़ू, साकरा, खेड़ी-साकरा, कौल, संगरौली, गांव आहूं के सरपंच, पंच, ग्राम सचिव, आंगनबाड़ी वर्करों ने हिस्सा लिया।
एसवाइएल का मुद्दा उठा किसानों को किया जा रहा गुमराह : नैन
संस, गुहला-चीका : किसान नेता एडवोकेट दलबीर नैन ने कहा कि किसान आंदोलन के बीच में एसवाइएल का मुद्दा उठाकर किसानों को गुमराह किया जा रहा है। यह मुद्दा किसान आंदोलन को कमजोर करने व किसानों में फूट डालने के इरादे से उठाया था, लेकिन वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाई। नैन ने कहा कि हरियाणा के किसानों को समझ में आ गया है कि भाजपा ने मुद्दा प्रदेश का पानी दिलाने के लिए नहीं, बल्कि किसानों में फूट डालने के लिए किया था।