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युवती को वन स्टॉप सेंटर लाने में महिला आयोग और पुलिस में ठनी, धरने पर बैठीं सदस्य

पूंडरी खंड के गांव में बड़ी बहन ने महिला समाज सुधार समिति को एक चिट्ठी लिख पिता की ओर से उसकी छोटी बहन को घर में नजरबंद करने की शिकायत दी तो महिला आयोग की टीम गांव में लड़की के घर पहुंची।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 07:40 AM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 07:40 AM (IST)
युवती को वन स्टॉप सेंटर लाने में महिला आयोग और पुलिस में ठनी, धरने पर बैठीं सदस्य
युवती को वन स्टॉप सेंटर लाने में महिला आयोग और पुलिस में ठनी, धरने पर बैठीं सदस्य

जागरण संवाददाता, कैथल : पूंडरी खंड के गांव में बड़ी बहन ने महिला समाज सुधार समिति को एक चिट्ठी लिख पिता की ओर से उसकी छोटी बहन को घर में नजरबंद करने की शिकायत दी तो महिला आयोग की टीम गांव में लड़की के घर पहुंची। यहां लड़की ने कहा कि उसके पिता बहुत अच्छे हैं, लेकिन पिछले कुछ साल से उनका व्यवहार बदल गया है। छोटी लड़की ने आपबीती टीम को सुनाई कि उसे कहीं भी आने-जाने नहीं दिया जाता है। वह बाहर निकलकर नौकरी करना चाहती है, लेकिन अपने पिता को नहीं छोड़ सकती। महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड़ और पूर्व सदस्य एवं महिला समाज सुधार समिति की चेयरपर्सन रमनदीप कौर ने लड़की से बातचीत की। उनके साथ महिला थाना प्रभारी डॉ. नन्ही देवी और महिला संरक्षण अधिकारी सुनीता शर्मा भी मौजूद थीं।

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महिला आयोग ने युवती को पिता से अलग कर उसे वन स्टॉप सेंटर पर लाने के लिए पुलिस से सिफारिश की। उस समय आयोग ने बेटी से अपनी रजामंदी से चलने के पत्र लिखवा लिया। जब पुलिस को उसे वन स्टॉप सेंटर में लाने के लिए कहा गया। पुलिस ने आयोग की सदस्य को कहा कि वह यह लिखकर दें कि उनके कहने पर पुलिस उसे जबरदस्ती से लेकर जा रही है। पुलिस ने पिता और बेटी को अलग-अलग गाड़ी में बैठा लिया। आयोग की टीम पहले ही घर से निकल चुकी थी। उसी समय पुलिस भी दोनों को गांव से कैथल ला रही थी, लेकिन जब आयोग की सदस्य ने लिखने से मना कर दिया तो पुलिस ने दोनों को उनके घर दोबारा छोड़ दिया। इस पर आयोग और पुलिस में ठन गई। नम्रमा गौड़ को आइजी तक को फोन लगाना पड़ा। वह कैथल के रेस्ट हाउस में वापस आकर बैठ गई और कहा कि वह तब तक धरने से नहीं उठेंगी जब तक कि महिला पुलिस लड़की को लेकर नहीं आती। आइजी भारती अरोड़ा को शिकायत देने के बाद डीएसपी कृष्ण तुरंत रेस्ट हाउस में पहुंचे और युवती को वन स्टॉप सेंटर में छोड़ने का आश्वासन दिया। वर्जन :

आइजी को करना पड़ा फोन :

महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड़ ने कहा कि पिता की ओर से नजरबंद किए जाने की शिकायत पर वह गांव में युवती की जानकारी लेने के लिए पहुंची थी। जब युवती से बातचीत की तो युवती की ओर से बाहर निकलने की इच्छा की जानकारी मिली। इस पर पुलिस को युवती को वन स्टॉप सेंटर छोड़ने के लिए कहा। लेकिन पुलिस ने गाड़ी में बैठाने के बाद वापस उसे घर छोड़ दिया। रेस्ट हाउस में पहुंच धरना दिया और आइजी को इसकी शिकायत दी। इस पर डीएसपी कृष्ण आए और उन्होंने तुरंत युवती को घर से वन स्टॉप सेंटर लाने का आश्वासन दिया।

वर्जन :

हम किसी को धक्के से नहीं लेकर आ सकते :

महिला थाना प्रभारी डॉ.नन्ही देवी ने कहा कि आयोग की टीम के गांव में जाने के बाद पहले तो युवती वन स्टॉप सेंटर में आने के लिए मान गई थी, लेकिन बाद में वह मना करने लग गई। इसलिए हम किसी को धक्के से नहीं उठा सकते हैं। पुलिस की ओर से आयोग की पूरी सहायता की गई है। किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती गई हैं। वहीं, डीएसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि कार्रवाई की जा रही है। जैसे ही कार्रवाई पूरी हो जाएगी तो इसकी जानकारी दे दी जाएगी। बॉक्स :

बेटी की मनचाही जगह शादी करने से आहत पिता :

इस पिता की दो बेटियां हैं। कुछ वर्ष पहले बड़ी बेटी ने अपनी मनचाही जगह पर शादी कर ली थी। जिसके बाद से वह आहत है। तभी से उसका घर से बाहर निकलना बंद है। उसकी पत्नी की करीब 30 वर्ष पहले मौत हो चुकी है और उसने ही दोनों बेटियों का पालन-पोषण किया। जब बड़ी बेटी ने अंतरजातीय प्रेम विवाह शादी कर ली तो पिता इससे संतुष्ट नहीं हुए।

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