अब लिथोट्रिप्सी मशीन से बिना चीर-फाड़ के होगा पथरी का इलाज
किडनी की पथरी के इलाज के लिए जिला के लोगों को अब रोहतक व चड़ीगढ़ पीजीआई नहीं आना-जाना पड़़ेगा। जिला के नागरिक अस्पताल में ही मरीजों को यह सुविधा मिल सकेगी। अस्पताल में लिथोट्रिप्सी मशीन मिली है जो करीब सवा 3 करोड़ की बताई जा रही है।
जागरण सवाददाता, कैथल :
किडनी की पथरी के इलाज के लिए जिला के लोगों को अब रोहतक व चड़ीगढ़ पीजीआई नहीं आना-जाना पड़़ेगा। जिला के नागरिक अस्पताल में ही मरीजों को यह सुविधा मिल सकेगी। अस्पताल में लिथोट्रिप्सी मशीन मिली है जो करीब सवा 3 करोड़ की बताई जा रही है। इस मशीन की खास बात रहेगी कि इसके जरिए पथरी को किरणों से तोड़़कर बाहर निकाला जा सकेगा, इसमें ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़़ेगी। चिकित्सकों ने बताया कि लेजर तकनीक से मशीन पथरी के टुकड़ों को तोड़ देगी और इसके बाद तोड़े गए छोटे-छोटे टुकड़़े पेशाब के माध्यम से बाहर निकल जाएंगे। मशीन जिला सिविल अस्पताल पहुंच गई है, जल्द ही इस मशीन को प्रयोग में लाया जाएगा।
बाक्स- बड़ी से बड़ी पथरी को निकाला जा सकेगा :
जिला नागरिक अस्पताल के सीनियर चिकित्सा डॉ. दिनेश कंसल ने बताया कि लिथोट्रिप्सी मशीन के आने से जहां इलाज के लिए अस्पताल में आने वाले मरीजों को फायदा होगा, वहीं चिकित्सकों के कामकाज में तेजी जाएगी। इस मशीन के आने से पथरी का ऑपरेशन करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करते हए इसका चुना बन जाएगा, इसके बाद पेशाब के बाद पथरी को बाहर निकाला जा सकेगा। इससे मरीजों को कोई परेशानी नहीं आएगी। 25 से 30 एमएम की पथरी को भी इस मशीन की तोड़कर निकाला जा सकेगा। जिले में यह सुविधा शुरू होने के बाद मरीजों को काफी राहत मिले। रोजाना पथरी के मरीजों के कापी ओपीडी रहती है, बाहर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने पर काफी खर्च आता है।
वर्जन-
जिला सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र नैन ने बताया कि लिथोट्रिप्सी मशीन से अब सिविल अस्पताल में पथरी का इलाज हो सकेगा। ऑपरेशन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। मशीन अस्पताल में पहुंच गई है, जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। ------------