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स्वास्थ्य सेवाओं में तरक्की कर रहा कैथल जिला

- 200 बेडों का जिला नागरिक अस्पताल एक हजार प्रति मिनट क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट हो चुका है

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 11:41 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:41 PM (IST)
स्वास्थ्य सेवाओं में तरक्की कर रहा कैथल जिला
स्वास्थ्य सेवाओं में तरक्की कर रहा कैथल जिला

- 200 बेडों का जिला नागरिक अस्पताल, एक हजार प्रति मिनट क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट हो चुका है शुरू

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-मेडिकल कालेज को मिल चुकी है मंजूरी, इस साल भवन का निर्माण कार्य हो जाएगा शुरू जागरण संवाददाता, कैथल : हरियाणा बनने के बाद एक नवंबर 1989 को कैथल को जिले का दर्जा मिला था। उस समय मात्र एक सरकारी अस्पताल व गुहला में स्वास्थ्य केंद्र था। धीरे-धीरे जिला स्वास्थ्य सेवाओं में आगे तरक्की करता रहा। आज जिले में 200 बेडों का जिला मुख्यालय पर नागरिक अस्पताल, कलायत, पूंडरी व गुहला में 50-50 बेडों का अस्पताल व 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, वहीं मेडिकल कालेज भी जिले को मिल चुका है। गांव सांपनखेड़ी की पंचायती जमीन पर यह कालेज बनना है, इसके लिए सरकार की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है और मार्च माह तक निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। वहीं जिला नागरिक अस्पताल में सुविधाओं की बात करें तो 100 बेडों का पोर्टेबल अस्पताल, अल्ट्रासाउंड की सुविधा, सिटी स्कैन, डायलिसिस की सुविधा भी मिल चुकी है। वहीं पुराना अस्पताल में दवाइयों की सप्लाई को लेकर वेयर हाउस बनाया गया है, पहले जींद जिले से दवाइयां लाई जाती थी, अब जिले में ही वेयर हाउस होने से दवाइयां जल्द अस्पतालों में पहुंच रही हैं, इस कारण मरीजों को कोई दिक्कत नहीं आती। हालांकि चिकित्सकों की कमी अभी भी जिले को खल रही है। स्वीकृत 156 पदों में से मात्र 70 के करीब चिकित्सक ही कार्यरत हैं, कई सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना चिकित्सकों के चल रहे हैं।

यहां बनाए गए हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

गांव सीवन, कलायत, राजौंद, पूंडरी, गुहला व कौल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं, वहीं 22 गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहे हैं। इनमें गांव भागल, सजूमा, देबवन, रसीना, बाता, हाबडी, जाखौली, ढांड, अगौंध, फरल, खुराना, करोड़ा, हरनौली, पाड़ला, किठाना सहित अन्य गांव में स्वास्थ्य केंद्र चल रहे हैं। पांच से ज्यादा गांव में सब सेंटर चल रहे हैं। इनमें स्वीकृत चिकित्सकों के पदों पर बहुत कम चिकित्सक ही कार्यरत हैं।

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सिविल सर्जन डा. जयंत आहूजा ने कहा कि शुरुआत में जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की काफी कमी थी, लेकिन अब धीरे-धीरे कैथल जिला स्वास्थ्य सेवाओं में तरक्की कर रहा है। 200 बेडों का जिला मुख्यालय पर अस्पताल है, अब तो पोर्टेबल अस्पताल, एक हजार प्रति मिनट क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट, आइसीयू वार्ड, मेडिकल कालेज जिले को मिल चुका है। इन सुविधाओं के शुरू होने से जिला वासियों को काफी फायदा मिल रहा है।


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