29 साल का हो गया कैथल, विकास के क्षेत्र में बनाई पहचान
कैथल जिला आज पूरे 29 साल का हो गया है। यूं तो कपिस्थली की स्थापना महाभारतकाल में हुई मानी जाती है, लेकिन सैकड़ों सदी तक उतार-चढ़ाव झेलने के बाद 1 नवंबर, 1989 को कुरुक्षेत्र से अलग होकर यह जिला बना है। आज जिस भव्यता और शानो-शौकत के साथ कैथल प्रदेश के अग्रणी जिलों में शुमार है, उसका पूरा श्रेय यहां के मेहनतकश और हुनरमंद लोगों को जाता है।
जागरण संवाददाता, कैथल : कैथल जिला आज पूरे 29 साल का हो गया है। यूं तो कपिस्थली की स्थापना महाभारतकाल में हुई मानी जाती है, लेकिन सैकड़ों सदी तक उतार-चढ़ाव झेलने के बाद 1 नवंबर, 1989 को कुरुक्षेत्र से अलग होकर यह जिला बना है। आज जिस भव्यता और शानो-शौकत के साथ कैथल प्रदेश के अग्रणी जिलों में शुमार है, उसका पूरा श्रेय यहां के मेहनतकश और हुनरमंद लोगों को जाता है।
धर्म हो या शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर हो या राजनीति। तकरीबन हर क्षेत्र में कैथल अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। चावल निर्यात में सालों तक नंबर एक का खिताब भी कैथल जिले के सिर सजा। जिले के रूप में अस्तित्व में आने से पूर्व यह करनाल और कुरुक्षेत्र जिले का उपमंडल भी रहा। राज्य के गठन के समय कैथल एक तहसील था, जो करनाल के अंतर्गत था। वर्ष 1973 के प्रारंभ में जब कुरुक्षेत्र को अलग जिले का दर्जा दिया गया, तो यह क्षेत्र कुरुक्षेत्र में चला गया और 31 अक्टूबर, 1989 तक वहीं रहा। इतिहास
¨हदुस्तान की पहली महिला शासक रजिया सुल्तान का मकबरा यहां पर है। शहर में एक कुंड की स्थापना महाभारतकाल में महाराजा युधिष्ठिर ने युद्ध में अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए कराई थी।
खेलों में कैथल की शान
बलवान ¨सह बल्लू-अर्जुन अवार्डी (वालीबॉल)
मनोज कुमार-अर्जुन अवाड़ी (बॉ¨क्सग)
पैरा एशियन गोल्ड मेडलिस्ट हर¨वद्र ¨सह।
ममता सौदा-पद्मश्री (पर्वतारोहण)
ये हैं पर्यटन स्थल
कैथल में कई धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं। शहर में भाई उदय ¨सह का किला, प्राचीन बावड़ी, महाभारतकालीननवग्रह कुंड, बिदक्यार झील, गुरुद्वारा नीम साहिब, श्रीग्यारह रुद्री मंदिर, अंबकेश्वर मंदिर, हजरत बाबा शाह कमाल कादरी, डेरा बाबा शीतल पुरी, पूंडरी के पास विश्व प्रसिद्ध फल्गु तीर्थ, माता मनसा देवी मंदिर, कलायत में कपिलमुनि मंदिर, खड़ालवा शिव मंदिर, गुहला में यक्ष अरंतुक स्थल आदि दर्शनीय हैं।
एक नजर
कुल जनसंख्या : 12 लाख के करीब।
क्षेत्रफल -2317 वर्ग किलोमीटर
सबडिविजन-कैथल, कलायत एवं गुहला
खंड-सात : गुहला, कैथल, कलायत, पूंडरी, राजौंद, सीवन और ढांड
तहसील-चार : कैथल, गुहला, कलायत और पूंडरी
उप तहसील-तीन : राजौंद, सीवन, ढांड
कुल गांव पंचायत-277
साक्षरता-69.2 प्रतिशत
¨लगानुपात-922
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चार सालों की उपलब्धि
-मूंदड़ी गांव में महर्षि वाल्मीकि संस्कृति विश्वविद्यालयय।
-सर छोटू राम इंडोर खेल स्टेडियम।
-महिला पुलिस थाना।
--जिला नागरिक अस्पताल हुआ दो सौ बेडों का।
गुहला में महिला राजकीय कॉलेज।
-कलायत में कपिल मुनि कॉलेज को राजकीय कॉलेज का दर्जा।
-हाबड़ी गांव में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का हॉकी खेल स्टेडियम।
-सिटी स्क्वेयर का निर्माण कार्य शुरू।
जिलावासी को बधाई देता हूं
यह धर्म, कर्म और मेहनतकश लोगों का शहर है। मैं कैथल के जन्म दिवस की हर जिलावासी को बधाई देता हूं। जिले ने विकास के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं।
-रणदीप ¨सह सुरजेवाला, विधायक कैथल।
जिले को मिली बड़ी सौगात
कैथल निवासियों के लिए यह खुशी की बात है कि जिस दिन हरियाणा का जन्मदिवस है, उसी दिन कैथल का भी जन्मदिन है। भाजपा सरकार के चार साल के शासनकाल में जिले का काफी विकास हुआ है। जिले को कई बड़ी सौगात मिली। 1 नवंबर को सरकार की तरफ से जन विश्वास रैली आयोजित की जा रही है।
अशोक गुर्जर, जिलाध्यक्ष भाजपा। प्रदेश और जिले का मना रहे जन्मदिवस
कैथल के जन्मदिवस पर वे जिलावासियों को बधाई देते हैं। हर क्षेत्र में जिला तरक्की करें। यह खुशी की बात है कि हम एक साथ प्रदेश और जिले का जन्मदिवस मना रहे हैं। सभी विभागीय अधिकारी जिले और प्रदेश की बेहतरी के लिए काम करें।
-डीसी धर्मवीर ¨सह।
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फोटो नं. 27
सभी जिला वासियों को कैथल के जन्मदिवस की बधाई। जिले को आदर्श बनाने के लिए सभी को हर क्षेत्र में प्रयास करने चाहिए।
आस्था मोदी, एसपी कैथल। बाक्स-
यह जिला नए आयाम स्थापित कर रहा है। कई विकास कार्य चल रहे हैं, लेकिन मुख्य समस्या पार्किंग की है। हेल्थ और शिक्षा पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
अशोक गौतम, पूर्व प्रधान, जिला बार एसोसिएशन। बाक्स-
जिला बनने के बाद कैथल लगातार तरक्की कर रहा है। इस दौरान काफी उतार-चढ़ाव भी आए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में काफी तरक्की की है। कोई बड़ा उद्योग स्थापित करने की जरूरत है, ताकि यहां के युवाओं को रोजगार मिल सके।
सुभाष गोयल, राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित। बाक्स-
जिलावासियों को जन्मदिवस पर वे बधाई देते हैं। शहर की हेल्थ को सुधारने के लिए नियमित रूप से कूड़े को उठाना होना चाहिए। सफाई के प्रति लोग भी जागरूक हो।
डॉ. विकास गुप्ता, संचालक, चौधरी मल्टी स्पेशलिटी एवं गुप्ता आइ अस्पताल। बाक्स-
शिक्षा का हब बना जिला कैथल : ¨बदलिश
वर्ष में 1960 में आरकेएसडी कॉलेज के अंदर 11वीं कक्षा में प्रवेश लिया था। कॉलेज उसी साल शुरू हुआ था। एक बहुत ही कच्ची सड़क थी। शहर में एजुकेशन का कोई भीसाधन नहीं था। यहां तक जब 12वीं कक्षा साइंस से पास की तो इसके बाद बीएससी करने के लिए जींद के राजकीय कॉलेज में दाखिला लिया, क्योंकि यहां साइंस की कक्षाएं नहीं लगती थी, लेकिन आज कैथल ने काफी तरक्की की। शहर में आरकेएसडी कॉलेज मिनी विश्वविद्यालय बन गया है, इसमें करीब नौ हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी जिले ने काफी तरक्की की है।
एलएम ¨बदलिश, पूर्व प्रि¨सपल आरकेएसडी कॉलेज।