जोगेंद्र ने ट्रेनों में चोरी छोड़ शुरू की थी कार्ड क्लोनिग से ठगी
एटीएम डेबिट कार्ड क्लोन करके भोले-भाले लोगों से ठगी करने वाले दो आरोपितों को कैथल स्पेशल साइबर सेल पुलिस ने जींद से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तीन दिनों तक रिमांड लिया है और उनसे अहम जानकारी हासिल की। एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपित जींद निवासी जोगेंद्र और प्रवीण को पकड़ा गया है। जोगेंद्र मुख्य सरगना है जिसने प्रवीण को अपने साथ मिलाकर वारदातों को अंजाम दिया। डेढ़ साल पहले आरोपित जोगेंद्र मध्यप्रदेश में ट्रेनों में चोरी करता था। ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में ट्रेनों में चोरी छोड़ दी और कार्ड क्लोन करके लोगों से ठगी करने लगे।
जागरण संवाददाता, कैथल : एटीएम डेबिट कार्ड क्लोन करके भोले-भाले लोगों से ठगी करने वाले दो आरोपितों को कैथल स्पेशल साइबर सेल पुलिस ने जींद से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तीन दिनों तक रिमांड लिया है और उनसे अहम जानकारी हासिल की। एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपित जींद निवासी जोगेंद्र और प्रवीण को पकड़ा गया है। जोगेंद्र मुख्य सरगना है, जिसने प्रवीण को अपने साथ मिलाकर वारदातों को अंजाम दिया। डेढ़ साल पहले आरोपित जोगेंद्र मध्यप्रदेश में ट्रेनों में चोरी करता था। ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में ट्रेनों में चोरी छोड़ दी और कार्ड क्लोन करके लोगों से ठगी करने लगे। आरोपित 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम देकर करीब 30 लाख रुपये की निकासी कर चुके हैं। पुलिस की नजरों से बचने के लिए दस से 20 हजार रुपये ही एटीएम से निकालते थे।
दोनों के खिलाफ दर्ज हैं कई आपराधिक मामले
जोगेंद्र और प्रवीण कार चलाते हैं। यह अक्सर असम जाते थे और वहां भी उन्होंने एटीएम डेबिट कार्ड से ठगी की कई वारदातों को अंजाम दिया। जोगेंद्र के खिलाफ गोवाहाटी और कोकराझार में भी मामले दर्ज हैं। दोनों का आपराधिक इतिहास है। जोगेंद्र पर छह मामले कैथल में ही दर्ज हैं। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक और खांडवा में दो आपराधिक केस दर्ज हैं। आरोपित जोगेंद्र ने एक दोस्त से एटीएम डेबिट कार्ड क्लोनिग की तकनीक सीखी और इस धंधे में आ गया। डेढ़ साल पहले उसका धंधा बदला था। वह जहां भी जाता, तकरीबन हर जगह ठगी करने लगा। उसने प्रवीण को भी अपने साथ लगा दिया। प्रवीण के खिलाफ भी चोरी के दो केस दर्ज हैं। एक हिमाचल प्रदेश के ऊना में और दूसरा जींद में दर्ज है। शातिराना तरीके से करते थे काम
आरोपित ऐसे बैंकों के एटीएम इस्तेमाल करते थे, जिन्होंने अभी तक आधुनिक सेफ्टी फीचर्स उपभोक्ताओं को उपलब्ध नहीं कराए हैं। एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि यह ज्यादातर बैंक आफ इंडिया, यूनियन बैंक आफ इंडिया और पोस्टल बैंक के एटीएम से ही पैसे निकालते थे। ग्रामीण क्षेत्र में भी बुजुर्ग इनका शिकार बनते थे। सिसला के बुजुर्ग बलवंत सिंह का एटीएम कार्ड उन्होंने पाई के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से क्लोन किया था, जिससे टोहाना और जींद से अलग-अलग बार में 62 हजार रुपये निकाले गए थे।
आरोपितों ने कबूला जुर्म
एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों ही आरोपितों को गिरफ्तार करके पूछताछ की जा चुकी है। आरोपितों ने हरियाणा के कई जिलों में 100 से ज्यादा कार्ड क्लोनिग के जरिये ठगी की वारदातें कबूली हैं। आरोपितों के खिलाफ जिन-जिन थानों में केस दर्ज हैं उन्हें भी सूचित किया जा रहा है।