जयपुर-दौलतपुर चौक इंटरसिटी एक्सप्रेस में यात्रियों की संख्या नाममात्र
जागरण संवाददाता कैथल रेलवे ने वाया कैथल से कुरुक्षेत्र और जींद-रोहतक रूट पर चलने वाली
जागरण संवाददाता, कैथल : रेलवे ने वाया कैथल से कुरुक्षेत्र और जींद-रोहतक रूट पर चलने वाली जयपुर-दौलतपुर चौक इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन को चलाने का फैसला दस दिन पहले ही लिया था। यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चल रही है। इस फैसले के बाद कैथल से रोहतक जींद और चंडीगढ़ जाने के लिए लोग रेल के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं, लेकिन कोरोना काल के चलते इस रेलगाड़ी में कैथल से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या नाममात्र है।
बता दें कि कोरोना महामारी से पहले इस एक्सप्रेस गाड़ी में सीटें फुल रहती थी। यहां से चंडीगढ़ और जयपुर जाने वाले यात्रियों को रिजर्वेशन करवाते समय वेटिग लिस्ट में टिकट बुक करवानी पड़ती थी। अब कोरोना के कारण स्थिति यह है कि एक दिन में केवल सात से आठ लोग ही इस ट्रेन में यात्रा करने के लिए टिकट बुक करा रहे हैं। इससे अधिक संख्या ट्रेन में नहीं हो पा रही है।
कोरोना काल से पहले होती थी इस ट्रेन की 50 से अधिक बुकिग :
बता दें कि कोरोना महामारी के आपने से पहले जयपुर-दौलतपुर चौक इंटरसिटी एक्सप्रेस रेलगाड़ी में कैथल से यात्रा करने वाले यात्रियों की रिजर्वेशन टिकटों की संख्या 50 से अधिक रहती थी। इसके अलावा सामान्य बोगियों में सैंकड़ों यात्री यात्रा करते थे। अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अब सामान्य बोगी में इक्का-दुक्का यात्री की यात्रा कर रहे हैं। कोरोना महामारी ने इस ट्रेन में यात्रियों की संख्या काफी कम है। अब इस ट्रेन को यात्रियों का इंतजार हैं।
ट्रेन से सीधा पहुंच सकते हैं हिमाचल :
जयपुर-दौलतपुर चौक इंटरसिटी एक्सप्रेस रेलगाड़ी पहले केवल चंडीगढ़ तक ही जाती थी, लेकिन फरवरी माह में इस ट्रेन को रेलवे ने हिमाचल के उना जिले में स्थित दौलतपुर चौक स्टेशन तक बढ़ाया था। यह हिमाचल प्रदेश का अंतिम रेलवे स्टेशन है। यहां से उना जिले में स्थित मां चितापूर्णी और ज्वाला देवी काफी कम दूरी पर स्थित है। इसलिए यात्री इस ट्रेन के माध्यम से माता के दर्शनों के लिए भी पहुंचते हैं।
पहले की अपेक्षा काफी
कम है यात्रियों की संख्या
कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन से टिकट इंचार्ज विनोद कुमार ने बताया कि एक्सप्रेस गाड़ी शुरू होने के बाद कैथल से इस ट्रेन की यात्रियों की संख्या पहले की अपेक्षा काफी कम है। पिछले दस दिनों यहां से केवल करीब 100 टिकटें ही बुक हुई है। जबकि कोरोना काल से पहले यहां एक ही दिन में 70 से 100 टिकटें बुक हो जाती थी। अब दिन में केवल आठ से दस टिकटें बुक हो रही हैं।