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क्लर्क की अलमारी में 17 छात्रों का भविष्य कैद

विक्रम पूनिया, कैथल राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कैथल के 17 छात्रों का भविष्य पिछले कइ

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jul 2017 12:24 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jul 2017 12:24 AM (IST)
क्लर्क की अलमारी में 17 छात्रों का भविष्य कैद
क्लर्क की अलमारी में 17 छात्रों का भविष्य कैद

विक्रम पूनिया, कैथल

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राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कैथल के 17 छात्रों का भविष्य पिछले कई महीनों से संस्थान की अलमारी में कैद है। वजह जिस क्लर्क के पास इस अलमारी की चाबी है, उसका तबादला हुए एक माह बीत चुका है। क्लर्क से संपर्क न होने के कारण चाबी भी नहीं मिल पा रही है। इसके चलते संस्थान छात्रों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट तक मुहैया नहीं करा पा रहा है। इससे छात्रों को प्लेसमेंट में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रिंसिपल से मिले, निराशा मिली

छात्र सर्टिफिकेट की मांग को लेकर काफी दिनों से चक्कर काट रहे हैं। छात्र ¨प्रसिपल कार्यालय पहुंचते हैं तो निराशा ही हाथ लगती है। छात्र हरदीप ¨सह, रवि, हैप्पी, मनजीत, सोनू, प्रदीप, दिनेश, गोपाल, अमन कुमार, अंकुश ने बताया कि सोमवार को ¨प्रसिपल से मुलाकात कर प्रोविजनल सर्टिफिकेट की मांग की तो वहां से जवाब मिला अपने अधिकार के लिए जहां जाना है जाओ उनके हाथ में कुछ नहीं है। इसके बाद छात्रों ने सीएम ¨वडो पर शिकायत दी है।

छात्रों का कहना है कि वे सभी दो वर्षीय डिप्लोमा कर रहे हैं। वर्ष 2016 में वह अंतिम सेमेस्टर में एक-एक विषय में फेल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने यह पेपर पास कर लिया और अप्रैल 2017 में परिणाम भी आ गया, जिसमें वे पास हो गए थे। 17 जुलाई को कैंपस में आई होंडा कंपनी ने नौकरी के लिए साक्षात्कार लिया था, जिसमें वे सफल रहे हैं। अब कंपनी प्रोविजनल सर्टिफिकेट की मांग कर रही है जो कि उनको संस्थान से नहीं मिल रहा है। उनके दो साथी जो पहले से पानीपत की एक कंपनी में काम कर रहे हैं, उनको कंपनी सर्टिफिकेट नहीं मिलने से पक्का नहीं कर रही है। जो छात्र सीटीआइ का कोर्स करना चाहते हैं वहां भी आवेदन करने में दिक्कत आ रही है।

मुश्किल से मिलती है नौकरी

छात्रों को कहना है कि उन सभी ने डिप्लोमा एससीवीटी से किया है। इसको के बाद सिर्फ राज्य में ही नौकरी मिल पाती है। नौकरी के बहुत कम अवसर मिलते हैं। अब नौकरी मिली है तो संस्थान उनके भविष्य को बर्बाद कर देना चाहता है।

वर्जन

यह एक कर्मचारी की लापरवाही से हो रहा है। कर्मचारी को निदेशक के आदेश पर 22 जून को अंडर चार्ज रिलीव किया था। उसने गुरुग्राम में ज्वाइन भी कर लिया, लेकिन यह करीब एक महीने से न तो गुरुग्राम ड्यूटी पर गया और न कैथल पहुंचा। कई जरूरी रिकार्ड इसकी अलमारी में कैद हैं। विभाग से अनुमति ली जा रही है। अनुमति मिलते ही अलमारी को खोल इन छात्रों को सर्टिफिकेट दे देंगे।

-सुखदेव राजौली, ¨प्रसिपल राजकीय आइटीआइ, कैथल।


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