क्षमता से अधिक गोशाला में गोवंश को रखना हुआ मुश्किल
सड़कों पर बेसहारा गोवंश लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं। जहां रात के समय सड़कों पर बैठे ये गोवंश दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बन रहे है वहीं दिन के समय में ये गोवंश आपस में लड़ते हैं।
संवाद सहयोगी, पूंडरी : सड़कों पर बेसहारा गोवंश लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं। जहां रात के समय सड़कों पर बैठे ये गोवंश दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बन रहे है वहीं दिन के समय में ये गोवंश आपस में लड़ते हैं। आमजन और दुकानदार इनकी चपेट में आ जाते हैं।
गोवंश को रखने के लिए पूंडरी में गोशाला भी बनी हुई है, लेकिन वहां क्षमता से अधिक गोवंश को रखना संचालकों के लिए मुसीबत बना हुआ है। पूंडरी गोशाला में 1500 के करीब पशु हैं। रामप्रकाश गोगी औैर ओमप्रकाश ने बताया कि कई बार प्रशासन व समाजसेवी लोगों के द्वारा सड़कों पर घूम रहे पशुओं को पकड़कर गोशाला में छुड़वा दिया जाता है। लेकिन गोशाला को किसी प्रकार की आर्थिक मदद सरकार द्वारा नहीं दी जाती।
चारे की व्यवस्था समाजसेवियों और शहरवासियों के सहयोग से की जाती है। इनके कारण एक दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इन दुर्घटनाओं में कई लोग अपने हाथ पैर तुड़वा चुके हैं। पूंडरी के कैथल-करनाल मुख्य मार्ग पर ब्रह्मानंद चौक से तहसील चौक तक का एरिया तो इन पशुओं की शरण-स्थली बना हुआ है। सड़क के दोनों ओर कई गोवंश बैठे रहते हैं। लोग काले रंग के पशुओं का शिकार बनते हैं, क्योंकि वे रात को दिखाई नहीं देती। कस्बे के लोगों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वो इस ओर ध्यान दे और किसी विभाग की जिम्मेदारी तय करें।
गांव के लोग भी शहरों की ओर छोड़ देते है पशु
गोशाला के सदस्यों और समाजसेवियों ने बताया कि कुछ गांव के लोग भी रात के समय पशुओं को शहर के नजदीक छोड़ देते है। सुबह होते ही खेत वाले इस डर से कि कही वे खेतों में खड़ी फसल को नष्ट न कर दे उन्हें शहर की ओर छोड़ देते है।