बजट की मीटिग में उठा विभागीय कार्यो का मुद्दा, अधिकारी नहीं दे सके जवाब
कैथल नगर परिषद की तरफ से बुलाई गई बजट की मीटिग में इस बार विभागीय तौर पर करवाए गए विकास कार्यों का मुद्दा भी उठा। वार्ड आठ के पार्षद राकेश सरदाना ने विभागीय कार्यों को लेकर नप अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही लेकिन किसी भी अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं था।
सुनील जांगड़ा, कैथल : नगर परिषद की तरफ से बुलाई गई बजट की मीटिग में इस बार विभागीय तौर पर करवाए गए विकास कार्यों का मुद्दा भी उठा। वार्ड आठ के पार्षद राकेश सरदाना ने विभागीय कार्यों को लेकर नप अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही, लेकिन किसी भी अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं था।
बता दें कि दैनिक जागरण की तरफ से विभागीय कार्यों से संबंधित समाचार 12 फरवरी और 24 फरवरी के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। नगर परिषद की तरफ से बिना टेंडर प्रक्रिया किए करीब दो करोड़ रुपये के विभागीय कार्य करवाए गए हैं। नियम के अनुसार आपात स्थिति में ही बिना टेंडर लगाए कार्य करवाए जा सकते हैं। बिना टेंडर लगाए कार्य करवाने से नप को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। अगर विभागीय कार्य करवाने भी हों तो पार्षदों की मीटिग बुलाकर सहमति लेनी जरूरी होती है। इन कार्यों को लेकर पार्षदों ने कहा कि एक्सईएन को बुलाओ, लेकिन उन्हें भी बुलाया नहीं गया। अंत में पार्षदों ने एकमत होकर कहा कि अगर उनसे बिना पूछे ही काम होने हैं तो वे ही अपना इस्तीफा दे देते हैं। अब नगर परिषद की तरफ से विभागीय कार्यों, साफ-सफाई और लाइटों की समस्या को लेकर दोबारा से मीटिग बुलाई जाएगी।
वार्ड एक सफाई में हो गया फिसड्डी
बजट की मीटिग में ही वार्ड एक के पार्षद प्रतिनिधि दलबीर भान, वेदप्रकाश और रेखा सिगला ने सफाई की समस्या रखी। पार्षदों ने कहा कि उनके वार्डों में कोई भी सफाई कर्मचारी नहीं है। कई बार अधिकारियों को बोल चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी कर्मचारियों को नहीं भेजा जा रहा है। दलबीर भान ने कहा कि नप की लापरवाही के कारण उनका वार्ड नंबर एक अब जीरो हो गया है। अगर 20 मार्च तक उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे अपनी पत्नी का इस्तीफा दिलवा देंगे। सफाई कार्यों पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन नियमित कचरे का उठान नहीं हो रहा है।
खराब लाइटों की समस्या रखी
पार्षदों ने शहर में खराब लाइटों की समस्या को लेकर अधिकारियों को घेर लिया। उन्होंने कहा कि नप ने लाइटें ठीक करने के लिए ठेका दिया हुआ है। उसके बाद भी वार्डों में लाइटें खराब हैं। पार्षदों को अपने खर्च पर लाइटें लगवानी पड़ रही है। अगर एजेंसी काम नहीं कर रही तो ठेका रद किया जाए। राजस्थान वाली एजेंसी के खिलाफ लिखा जाए। वार्डों में पांच सालों से नई लाइटें नहीं लगवाई जा रही हैं।
सफाई और लाइटों की समस्याएं रखी
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बलबीर सिंह ने बताया कि बजट मीटिग में पार्षदों ने सफाई और लाइटों की समस्याएं रखी हैं। इन पर चर्चा के लिए दोबारा से पार्षदों की मीटिग बुलाई जाएगी। एक सप्ताह में तारीख तय कर दी जाएगी।