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दुष्कर्म पीड़िता पर दबाव बनाने वाले जांच अधिकारी सस्पेंड

जागरण संवाददाता, कैथल : जिला महिला थाना पुलिस और पूंडरी पुलिस ने गांव टयौंठा के सरपंच के

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Aug 2017 10:37 PM (IST)Updated: Mon, 14 Aug 2017 10:37 PM (IST)
दुष्कर्म पीड़िता पर दबाव बनाने  वाले जांच अधिकारी सस्पेंड
दुष्कर्म पीड़िता पर दबाव बनाने वाले जांच अधिकारी सस्पेंड

जागरण संवाददाता, कैथल : जिला महिला थाना पुलिस और पूंडरी पुलिस ने गांव टयौंठा के सरपंच के साथ मिलकर नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले को दबाने का प्रयास किया। मामले में एसपी कैथल ने जांच अधिकारी को सस्पेंड कर दो अन्य पुलिस कर्मचारियों का तबादला कर दिया और जांच का जिम्मा डीएसपी जो¨गद्र ¨सह को सौंपा है। गांव के सरपंच जोगा ¨सह के खिलाफ भी अपहरण और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

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मामले में पुलिस ने दुष्कर्म के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह वही सरपंच है, जिस पर बीते रोज पंचायत में कथित तौर पर चाकुओं से हमला हुआ था। पुलिस अब इस हमले की कहानी पर शक कर रही है। बहरहाल इस मामले में पुलिस के साथ सरपंच की मिलीभगत उजागर हुई है।

12 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि पांच अगस्त की सुबह वह शौच करने के लिए जा रही थी तो गांव के ही रघुनंदन और मेवा राम ने मुंह पर कपड़ा बांधकर उसका अपरहण कर लिया। उसके बाद वह उसको अपनी बहन के घर गांव खेड़ी लांबा ले गए। इस दौरान दोनों ने रास्ते में और उसकी बहन के घर पर ले जाकर दुष्कर्म किया। मामले की शिकायत पीड़िता के माता पिता ने पूंडरी थाना में दी। पीड़िता के पिता ने बताया कि गांव के सरपंच जोगा ¨सह ने आरोपियों और लड़की को वापस लाने की जिम्मेदारी ली।

छह अगस्त की शाम को सरपंच जोगा ¨सह लड़की और आरोपियों को अपने कार्यालय में लेकर आता है। जहां वह कई घंटों तक उनको नग्न अवस्था में रखता है और इस दौरान उनका वीडियो भी बनाता है। इसके बाद लड़की को पुलिस को सौंप देता है, जिसके बाद महिला थाना पुलिस और पूंडरी पुलिस लड़की और उसकी मां को पूछताछ के लिए कैथल ले आती है।

पीड़िता की मां ने बताया कि उसके बाद उसकी लड़की को डरा धमकाकर पुलिस मजिस्ट्रेट के सामने गलत बयान करवा देती हैं। जब कई दिनों तक उनको न्याय नहीं मिला तो मामले की शिकायत लेकर वह चंडीगढ़ में एडीजीपी को मिले। एडीजीपी ने कैथल एसपी को मामले की जांच करने को कहा। सोमवार को पीड़ित परिवार एसपी से मिलने पहुंचा था, जिसके बाद एसपी ने यह कार्रवाई की।

बॉक्स

समाजसेवी प्रदीप ने किया मामला उजागर

गांव के समाजसेवी प्रदीप राजपूत ने बताया कि पीड़ित परिवार के सभी सदस्य अनपढ़ हैं। पुलिस और गांव का सरपंच पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने के लिए बजाय मामले को दबाते हुए पीड़ित परिवार को ही धमका रहा था। जब उनको इस बारे में पता चला तो उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने की ठानी। इसके लिए वह पीड़ित परिवार को लेकर एडीजीपी से मिले और न्याय की गुहार लगाई। इस मामले में सोमवार को एसपी से मिले। एसपी की कार्रवाई के बाद न्याय की उम्मीद जगी है। समाजसेवी ने गांव के सरपंच पर रिवाल्वर दिखाते हुए जान से मारने की धमकी देने और पुलिस पर मामले से दूर रहने का दबाव बनाने के प्रयास करने के आरोप भी लगाए हैं।

वर्जन

जांच अधिकारी डीएसपी जो¨गद्र ¨सह ने बताया कि मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में जांच अधिकारी हरप्रीत को सस्पेंड कर दिया गया है, वहीं एएसआइ जयभगवान और पुलिस एसए जसबीर का तबादला कर दिया गया है। मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सरपंच के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।


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