Move to Jagran APP

यूथ फेस्टिवल में नजर आई हरियाणवी संस्कृति की झलक

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से शहर के डा. भीम राव आंबेडकर राजकीय कालेज में 43वें यूथ फेस्टिवल का आगाज हुआ। प्रातकालीन सत्र में महर्षि वाल्मीकि संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डा. श्रेयांश द्विवेदी ने मख्यातिथि के रूप में शिरकत की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 06:12 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 06:12 AM (IST)
यूथ फेस्टिवल में नजर आई हरियाणवी संस्कृति की झलक
यूथ फेस्टिवल में नजर आई हरियाणवी संस्कृति की झलक

जागरण संवाददाता, कैथल : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से शहर के डा. भीम राव आंबेडकर राजकीय कालेज में 43वें यूथ फेस्टिवल का आगाज हुआ। प्रात:कालीन सत्र में महर्षि वाल्मीकि संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डा. श्रेयांश द्विवेदी ने मख्यातिथि के रूप में शिरकत की।

loksabha election banner

उन्होंने दीप प्रज्वलित करके यूथ फेस्टिवल का श्री गणेश किया। जबकि हरियाणवीं कलाकार महावीर गुड्डू ने शंख बजाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। सायंकालीन सत्र में एसपी लोकेंद्र सिंह ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का बहुत अधिक महत्व है। युवाओं को संस्कृति की जानकारी देने और उनको इसके साथ जोड़ने का यह एक उपयुक्त मंच है। हमारी संस्कृति चाहे कोई भी हो लेकिन उसमें हमारे संस्कारों की झलक दिखाई देती है।

प्रथम सत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. संजीव शर्मा, सांस्कृतिक एवं युवा विभाग के डा.महासिंह पूनिया, जगदीशपुरा के सरपंच कश्मीर सिंह ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की। एसपी लोकेंद्र सिंह ने कहा कि युवाओं को जोश में होश कभी नहीं खोना चाहिए। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वह इस महोत्सव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखें तथा कानून व्यवस्था का पालन करें, पुलिस हमेशा सभी की हर संभव सहायता करने के लिए तत्पर है।

इस कार्यक्रम में तीन दिनों तक कुरुक्षेत्र और कैथल जिले से 25 से अधिक कालेजों की टीमें 29 विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा ले रही हैं। बता दें कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नही हो पाया था। अब कैथल के राजकीय कालेज में कुरुक्षेत्र जोन का जोनल यूथ फेस्टिवल की शुरूआत हुई है। पहले दिन कार्यक्रम की शुरूआत के दौरान विद्यार्थियों में खूब उत्साह देखा गया। हरियाणवीं लोकगीतों पर छात्र-छात्राएं खूब झूमीं।

यह रही प्रस्तुतियां :

कार्यक्रम के पहले दिन सोलो डांस, पॉप सोंग, क्लासिकल सोलो डांस, फोक डांस हरियाणवीं, फोक सोंग जनरल, क्लासिकल वोकल सोलो प्रतिस्पर्धा में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पहले दिन कुल तीन मंच बनाए गए। मुख्य मंच कालेज परिसर में स्थापित खेल मैदान में बनाया गया। दूसरा मंच कालेज के प्रिसिपल कार्यालय के समीप और तीसरा मंच कालेज परिसर में प्रशासन खंड की एंट्री पर ही बनाया गया था। पहले मंच पर कोरियोग्राफी, माइम, सोलो डांस और पॉप सांग की प्रस्तुति प्रतिभागियों द्वारा दी गई। दूसरे मंच पर क्लासिकल डांस सोलो, ग्रुप सोंग, संस्कृत ड्रामा में प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का मंचन किया। इसी प्रकार से तीसरे मंच पर फोल्ड हरियाणवीं डांस, लाइट वोकल,क्लासिकल वोकल सोलो प्रतिस्पर्धा में प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति दी।

कोरोना काल की दुश्वारियों ने किया भावुक

पहले दिन प्रतिभागियों ने प्रस्तुतियों में कोरोना महामारी के बीते वर्ष के दौरान लोगों के सामने आनी वाली समस्याओं को कोरियोग्राफी के माध्यम से दिखाया गया, जिसमें बताया गया कि किस प्रकार से देश के प्रधानमंत्री ने देश में कोरोना के कारण अचानक लगाए गए लॉकडाउन में दृश्य दिखाया गया। यह भी किस प्रकार से अचानक सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हो गए। मजदूरों को दो वक्त की रोटी और अपने घरों में जाने के लिए कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा।

जैसे ही नया वर्ष आया तो कोरोना वैक्सीन आई और लोगों को राहत मिली। इसी प्रकार से बेटियों की सुरक्षा को लेकर भी कोरियोग्राफी के माध्यम से जानकारी दी गई। जिसमें बताया कि बेटियों को समाज में किस प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है। मंच पर हरियाणवी संस्कृति को प्रस्तुत करते हुए एकल लोकनृत्य में युवाओं ने छोरा मैं हरियाणे का..ऊपर आलै मेरी भी सुन ले.. बांढण आली मैंने भी दिए.. एक छोरी या छोरी मेरी.. सहित अन्य हरियाणवीं लोकगीतों ने युवाओं को झूमने के लिए विवश कर दिया। दूसरे मंच पर हरियाणवीं संस्कृति को दिखाते हुए अनेक रीति-रिवाजों की प्रस्तुति प्रतिभागियों ने दी। जिनमें सगाई के ²श्य, गिद्दा, विवाह के समय दिए जाने वाले शिटने व अनेक रीति रिवाज प्रस्तुत किए।

इन कालेजों की रही प्रतिभागिता :

पहले दिन कार्यक्रम में डा. भीम राव आंबेडकर राजकीय कालेज, डीएवी कालेज चीका, एमएन कालेज शाहाबाद, राधा कृष्ण सनातन धर्म (आरकेएसडी) कालेज कैथल, इंदिरा गांधी महिला कालेज कैथल, राजकीय कन्या कालेज चीका, राजकीय कालेज चम्मू कला, बाबू अनंत राम जनता कालेज कौल, जाट कालेज कैथल, भगवान परशुराम कालेज कुरुक्षेत्र, डीएवी कालेज पिहोवा, दयानंद महिला कालेज कुरूक्षेत्र, एसआरएन जयराम कन्या कालेज लाहौर माजरा कुरुक्षेत्र ने प्रतिभागिता दर्ज करवाई।

कार्यक्रम में निर्णायक मंडल की भूमिका निर्मल, ज्ञान चौरसिया, डा. पावन आर्य, डा. वाणी राज मोह, उस्ताद मुज्तबा हुसैन, रामपाल बल्हारा, दरियाव सिंह मलिक, महावीर गुड्डू, श्याम गुप्ता, डा. निर्मल, इंद्र सिंह लांबा, राजकिशन नैन, डा. जगदीप सिंह, डा. अलंकार शामिल रहे। जबकि कार्यक्रम की संयोजक रेनू गुप्ता और ऑब्जर्वर डा. मेजर सिंह व डा. आनंद कुमार रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.