आरकेएसडी कालेज की कार्यकारिणी चुनाव में साकेत मंगल का प्रधान बनना तय
राधा कृष्ण सनातन धर्म (आरकेएसडी) कालेज की कार्यकारिणी की चुनाव प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को नामांकन वापस लेने का दिन था। चुनाव में एक ही गुट द्वारा चारों पदों पर नामांकन किए गए थे। ऐसे में दूसरे किसी गुट के सामने न आने के कारण इन उम्मीदवारों का निर्विरोध होने पर पदाधिकारी बनना तय है। अब रविवार को इनके पदाधिकारी बनने की औपचारिकताएं पूरी होंगी जिसमें चुनाव पर्यवेक्षक इसकी घोषणा करेंगे।
जागरण संवाददाता, कैथल: राधा कृष्ण सनातन धर्म (आरकेएसडी) कालेज की कार्यकारिणी की चुनाव प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को नामांकन वापस लेने का दिन था। चुनाव में एक ही गुट द्वारा चारों पदों पर नामांकन किए गए थे। ऐसे में दूसरे किसी गुट के सामने न आने के कारण इन उम्मीदवारों का निर्विरोध होने पर पदाधिकारी बनना तय है। अब रविवार को इनके पदाधिकारी बनने की औपचारिकताएं पूरी होंगी, जिसमें चुनाव पर्यवेक्षक इसकी घोषणा करेंगे। बता दें कि कालेज की कार्यकारिणी के चुनाव में प्रधान साकेत मंगल, उप प्रधान नरेश शोरेवाला, सचिव पंकज बंसल और कोषाध्यक्ष के लिए श्याम बंसल ने नामांकन किया था। ऐसे में साकेत मंगल का दूसरी बार कालेज की कार्यकारिणी का भी प्रधान बनना तय है। इसका 11 अप्रैल को चुनाव होना था, लेकिन अब मतदान की नौबत नहीं रही।
उल्लेखनीय है कि आरकेएसडी के सभी शिक्षण संस्थान राष्ट्रीय विद्या समिति के अधीन संचालित हैं। इस समिति का तीन मार्च को चुनाव हो चुका है। समिति में भी साकेत मंगल अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके हैं। इस चुनाव में प्रधान और उप प्रधान में दो गुटों से उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। जबकि सचिव और कोषाध्यक्ष की टक्कर में विरोधी गुट द्वारा नामांकन नहीं होने से इन्हें निर्विरोध चुना गया था।
समिति में 21 कॉलेजियम, 3714 सदस्य :
आरवीएस समिति और इसके अधीन आने वाले शिक्षण संस्थानों में समिति में बनाए गए 21 कॉलेजियम के चुने गए सदस्यों द्वारा चुनाव के दौरान मतदान किया जाता है। इनमें कुल 3714 वोट हैं। यदि चुनाव के दौरान सर्वसम्मति न बनें तो इन कॉलेजियम में यह सदस्य ही मतदान करते हैं। इस बार केवल दो कॉलेजियमों में ही वोट के माध्यम से सदस्य चुने गए थे। सभी निर्विरोध चुने गए हैं।
चुनाव पर्यवेक्षक व कालेज के प्राचार्य डा. संजय गोयल ने बताया कि चुनाव 11 अप्रैल को होना था, लेकिन केवल चार पदों पर चार उम्मीदवारों के ही नामांकन आने की स्थिति में अब चुनाव नहीं होगा। इसलिए चुनाव के लिए चारों पदों पर रहे उम्मीदवारों को पदाधिकारी बनाने की घोषणा की जाएगी। यह सभी निर्विरोध चुने गए हैं।