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सीएचसी व पीएचसी में बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध, चिकित्सकों और नर्सो का टोटा

जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) रामभरोसे चल रहे हैं। यहां चिकित्सक ही नहीं बल्कि स्टाफ नर्सों का भी भारी टोटा है। जिले में छह सीएचसी व 20 पीएचसी हैं। छह सीएचसी में से मात्र एक गुहला में ही 70 बेडों का कोविड सेंटर बनाया गया है। हालांकि कलायत में सोमवार से 40 बेडों का कोविड सेंटर शुरू होने जा रहा है। यहां 35 सामान्य तो पांच ऑक्सीजन बेड शुरू किए जाएंगे। वहीं कौल राजौंद पूंडरी व सीवन में केवल सामान्य बेड हैं। यहां कोरोना महामारी के मरीजों को दाखिल नहीं किया जा रहा है। यहां हर सेंटर पर आठ से दस ऑक्सीजन सिलेंडर हो उपलब्ध हैं लेकिन यहां गर्भवती महिलाओं या अन्य किसी बीमारी के मरीज को जरूरत पड़ने पर उपलब्ध करवाया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 06:34 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 06:34 AM (IST)
सीएचसी व पीएचसी में बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध, चिकित्सकों और नर्सो का टोटा
सीएचसी व पीएचसी में बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध, चिकित्सकों और नर्सो का टोटा

जागरण संवाददाता, कैथल : जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) रामभरोसे चल रहे हैं। यहां चिकित्सक ही नहीं, बल्कि स्टाफ नर्सों का भी भारी टोटा है। जिले में छह सीएचसी व 20 पीएचसी हैं। छह सीएचसी में से मात्र एक गुहला में ही 70 बेडों का कोविड सेंटर बनाया गया है।

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हालांकि कलायत में सोमवार से 40 बेडों का कोविड सेंटर शुरू होने जा रहा है। यहां 35 सामान्य तो पांच ऑक्सीजन बेड शुरू किए जाएंगे। वहीं कौल, राजौंद, पूंडरी व सीवन में केवल सामान्य बेड हैं। यहां कोरोना महामारी के मरीजों को दाखिल नहीं किया जा रहा है। यहां हर सेंटर पर आठ से दस ऑक्सीजन सिलेंडर हो उपलब्ध हैं, लेकिन यहां गर्भवती महिलाओं या अन्य किसी बीमारी के मरीज को जरूरत पड़ने पर उपलब्ध करवाया जाता है।

कहां कितना स्टाफ

जिले में चिकित्सकों के 156 स्वीकृत पद हैं। इनमें से 20 चिकित्सक सिविल अस्पताल में है तो इतने ही चिकित्सक प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हैं। स्टाफ नर्स के 193 पदों में से 45 स्टाफ नर्स सिविल अस्पताल में तो 31 प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ड्यूटी कर रही हैं। यहां रिक्त पद होने के कारण चिकित्सकों व स्टाफ नर्सों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब कोविड 19 में तो कई चिकित्सक व स्टाफ नर्सों के इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद दूसरे चिकित्सक व स्टाफ नर्सों पर काम का बोझ बढ़ गया है। अब कोरोना सैंपल के साथ टीकाकरण भी चला हुआ है। वहीं दूसरी बीमारियों के मरीजों व गर्भवती महिलाओं की जांच भी स्वास्थ्य केंद्रों पर होती है।

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए ये स्वास्थ्य केंद्र सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। कोविड तो दूर सामान्य बीमारियों का इलाज भी यहां ठीक तरह से नहीं हो पा रहा है।

सीवन में अस्पताल का बस नाम बदला, हालात नहीं

सीवन : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीवन जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र था तो उस समय भी छह बेड का अस्पताल था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के दर्जा मिलने के बाद भी छह बेड का ही अस्पताल रहा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनने के बाद यह अस्पताल 30 बेड का बनना चाहिए था। जिस बड़े हाल में छह बेड लगे होते थे, आज वह खंडहर बन चुका है। दो बेड बरामदे में डाल रखे हैं। दो बेड एक दूसरे कमरे में लगा रखे हैं। एक बेड प्रसूति गृह में रखा हुआ है। एक दो कर्मचारी निवास को छोड़ सभी खंडहर बन चुके हैं।

इस समय कोरोना महामारी का दौर है। सीवन में कोरोना का मरीज आने पर या तो उसे घर में ही आइसोलेट कर दिया जाता है या प्राथमिक उपचार देने के बाद उसे हालत गंभीर होने पर गुहला या कैथल के अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। मरीज की हालत खराब होने पर ऑक्सीजन देने की व्यवस्था तो सीवन अस्पताल में है। यदि कोरोना मरीज को घर में आइसोलेट किया जाता है तो स्टाफ देखभाल करता है तथा काल आने पर घर पर भी चिकित्सा सुविधा दी जाती है। अस्पताल में केवल आठ ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। यहां सीनियर मेडिकल ऑफिसर नहीं है। लैब सहायक, रेडियो ग्राफर का एक-एक पद हैं, लेकिन सभी पद खाली पड़े हैं। इसी तरह से डाक्टरों के सात पद हैं, लेकिन पांच चिकित्सक कार्यरत हैं दो पद रिक्त पड़े हुए हैं।

चिकित्सकों के रिक्त पद से बढ़ रहा काम का बोझ

कौल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के 18 पद हैं, लेकिन तीन ही चिकित्सक तैनात हैं। इस सामुदायिक केंद्र के अंतर्गत चार पीएचसी आते हैं। फरल, टीक व ढांड इसमें हैं। यहां दस ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। यहां ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है, जो अगले दस दिनों में तैयार हो जाएगा। यहां 30 बेड हैं। कोरोना मरीज आने पर कैथल रेफर कर दिया जाता है। 13 स्टाफ नर्स और

सात सफाई कर्मचारी यहां कार्यरत हैं।

पूंडरी में 50 बेडों का अस्पताल

कैथल : पूंडरी में 50 बेडों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। यहां 10 के करीब ऑक्सीजन सिलेंडर है। चिकित्सकों के छह में से तीन पद रिक्त पड़े हुए हैं। यहां कोविड मरीजों को दाखिल नहीं किया जा रहा है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीजों को सिविल अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। सामान्य लक्षण मिलने पर होम आइसोलेट किया जा रहा है।

बाक्स- कलायत में जल्द बनेगा 40 बेडों का कोविड अस्पताल

कलायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 40 बेडों का कोविड अस्पताल भी जल्द शुरू किया जाएगा। यहां 35 सामान्य तो पांच ऑक्सीजन बेड लगाए जाएंगे। इस समय 12 में से छह चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। यहां रोजाना कोरोना मरीजों के सैंपल लिए जा रहे हैं। टीकाकरण भी रोजाना हो रहा है।

राजौंद में 25 बेड, 10 ऑक्सीजन बेड

राजौंद : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 25 बेड हैं, यहां 10 बेड ऑक्सीजन हैं। कोविड मरीजों को यहां दाखिल करने की तैयारी है। 15 बेड सामान्य बीमारी के मरीजों के लिए है। चिकित्सकों के छह पद हैं, लेकिन पांच खाली हैं। मात्र एक चिकित्सक है। इसी तरह से स्टाफ नर्स यहां 12 कार्यरत हैं। तीन पीएचसी करोडा़, किच्छाना -जाखौली यहां आती है। केवल जाखौली में ही चिकित्सक हैं। अन्य पीएचसी बिना चिकित्सक के चल रही हैं। कोविड मरीजों के लिए टीकाकरण व सैंपलिग नियमित रूप से हो रही है।


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