दिन में करते वकालत, रात को रामलीला में रावण का रोल
माता गेट स्थित छतर मा निवासी एडवोकेट गौरव शर्मा उर्फ जुगनू दिन में वकालत करते हैं और रात को रामलीला में रावण के रोल की भूमिका में नजर आते हैं। वकील जुगनू बताते हैं कि वे पिछले आठ वर्षों से मंच पर प्रस्तुति दे रहे है।
कमल बहल, कैथल :
माता गेट स्थित छतर मा निवासी एडवोकेट गौरव शर्मा उर्फ जुगनू दिन में वकालत करते हैं और रात को रामलीला में रावण के रोल की भूमिका में नजर आते हैं। वकील जुगनू बताते हैं कि वे पिछले आठ वर्षों से मंच पर प्रस्तुति दे रहे है। उसके ताऊ लक्ष्मी नारायण ने इस मंच पर कई पात्रों में भूमिका निभाया है। उनके पिता गिरधारी लाल शर्मा ने शहर के दूसरे सबसे बड़े कुरुक्षेत्र गोशाला के मंच पर परशुराम का रोल अदा किया है। जुगनू ने बताया कि उनके पिता व ताऊ की प्रस्तुति से उन्हें मंच पर आने का मौका मिला।
इसके बाद रावण का रोल अदा करने वाले जगजीत सिंह से उन्हें रावण के पात्र को बखूबी निभाने की प्रेरणा मिली। वह ही उन्हें अपना गुरू मानते हैं। बढ़ रहे सोशल मीडिया व टीवी के दौर में लोगों की रामलीला के प्रति रुचि कम हुई है, लेकिन सरकार कलाकारों को प्रोत्साहन देते हुए कार्य करें।
बॉक्स :
वकालत और मंचन शुरू किया साथ साथ :
गौरव शर्मा उर्फ जुगनू ने बताया कि उन्होंने वकालत और मंचन एक साथ शुरू किया था। इससे पहले जब वह कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय में वकालत की पढ़ाई कर रहे थे तो उस समय विश्वविद्यालय में हॉस्टल के पास स्थित कच्चा घेरा में होने वाली रामलीला को देखने के लिए जाता था। इसके बाद वह अपने दोस्तों व सहपाठियों को रावण का रोल करके दिखाता था। जिस पर उसके सहपाठी भी उसे रावण बुलाने लगे।
इसके बाद वर्ष 2011 में वकालत पूरी करने के बाद उन्होंने कैथल में वकालत शुरू की तो उसी समय पहली बार रामलीला में मंचन शुरू किया। इसके बाद वे पिछले आठ वर्षाें से रामलीला में मंचन कर रहे है।
बॉक्स :
भगवान श्री राम को मानते आदर्श :
जुगनू ने बताया कि वह भगवान श्री राम को अपना आदर्श मानते हैं। इसके साथ ही वकील होते हुए भी वह उनके पास आने वाले लोगों को भगवान श्री राम के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए उत्साहित करते है। उन्होंने बताया कि वे वकीलों की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में भी जजों के सामने कई बार रावण के डायलॉग बोलकर उन्हें आकर्षित कर चुके हैं।