कलायत में मेरी फसल-मेरा ब्योरा के तहत 67.36 प्रतिशत कृषि रकबे का पंजीकरण बकाया
खंड में मेरी फसल-मेरा ब्योरा के तहत किसानों को प्रेरित करने के लिए कृषि विभाग ने जागृति अभियान की शुरूआत कर रखी है।
संवाद सहयोगी, कलायत : खंड में मेरी फसल-मेरा ब्योरा के तहत किसानों को प्रेरित करने के लिए कृषि विभाग ने जागृति अभियान की शुरूआत कर रखी है। एसडीएम विरेंद्र सिंह ढुल के निर्देशों पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने खंड के सभी गांवों में किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। जन संपर्क अभियान की कमान खंड कृषि अधिकारी डा. रामेश्वर श्योकंद अपनी टीम के साथ संभाले हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रख इस योजना की शुरूआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य एक प्लेटफार्म पर किसानों से संबंधित सारी जानकारी एकत्रित करना है। फसल पंजीकरण करते समय किसानों से उनका पूरा ब्योरा मांगा जाता है, जिससे सरकार को कोई भी योजना किसानों तक पहुंचाने में आसानी रहती है। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा बीज या अन्य कोई भी अनुदान या लाभ की राशि भी सीधे तौर पर किसानों के खाते में पहुंचाने में आसानी रहती है। किसान स्वयं या फिर किसी भी अटल सेवा केंद्र के माध्यम से मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके लिए जमीन का रिकार्ड, बैंक खाते की डिटेल, आधार कार्ड आदी दस्तावेजों की आवश्यकता रहती है। इस कड़ी में उपमंडल कृषि अधिकारी डा. सतीश नारा व खंड कृषि अधिकारी डा. रामेश्वर श्योकंद ने गांव भालंग में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि खंड कलायत में चालू रबी के सीजन में अनुमानित तौर पर 25700 हैक्टेयर रकबे में गेहूं, 750 हैक्टेयर में सरसों व 1690 हैक्टेयर रकबे में पशु चारे की बिजाई कर रखी है। इस कुल 28140 हैक्टेयर में से केवल 32.64 प्रतिशत रकबे का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हुआ है। डा. नारा ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। सरकार ने रजिस्ट्रेशन करवाने की अंतिम तिथि को बढ़ा कर 31 जनवरी कर दिया है। अधिकारियों ने किसानों से अपील की कि वे अंतिम तिथि से पूर्व अपना पंजीकरण करवा लें।