Move to Jagran APP

फर्नीचर घोटाले में जांच कमेटी ने सीईओ से मांगा रिकार्ड

जिला परिषद में सदन की बिना मंजूरी और चेयरपर्सन व सीईओ की बिना अनुमति के 20 लाख रुपये का फर्नीचर खरीदने के मामले को लेकर गठित कमेटी आज जिला परिषद कार्यालय पहुंची।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 06:26 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 06:26 AM (IST)
फर्नीचर घोटाले में जांच कमेटी  ने सीईओ से मांगा रिकार्ड
फर्नीचर घोटाले में जांच कमेटी ने सीईओ से मांगा रिकार्ड

जागरण संवाददाता, कैथल : जिला परिषद में सदन की बिना मंजूरी और चेयरपर्सन व सीईओ की बिना अनुमति के 20 लाख रुपये का फर्नीचर खरीदने के मामले को लेकर गठित कमेटी आज जिला परिषद कार्यालय पहुंची। कमेटी में चेयरपर्सन सुखविद्र कौर आंधली, वाइस चेयरमैन मुनीष कठवाड़, अकाउंट क्लर्क कुलवंत सिंह सहित पंचायत राज विभाग के कार्यकारी अभियंता और जिला परिषद के एसडीओ नवीन गोयत को शामिल किया है। टीम ने इस मामले की जांच को लेकर सीईओ से रिकार्ड उपलब्ध करवाने को पत्र लिखा है। रिकार्ड मिलते ही जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। पार्षदों का आरोप है कि बिना अनुमति के फर्नीचर और अन्य सामान की खरीदारी की गई है। कुछ नया सामान जो खरीदा गया उसे कार्यालय में रखने की बजाए घर पर लगा लिया, जबकि पुराना सामान कार्यालय में लगा दिया गया। इसे लेकर भी कमेटी द्वारा जांच की जाएगी। इसके साथ-साथ स्वच्छता फंड से खरीदे गए सामान में भी उठ सवाल उठ रहे है, इसे लेकर भी जांच कमेटी ने रिकार्ड मांगा है। जांच के बाद कमेटी रिपोर्ट सीईओ को सौपेंगी।

loksabha election banner

ये था मामला

जिला परिषद में फर्नीचर की खरीद-फरोख्त को लेकर 20 लाख रुपये की राशि खर्च की गई थी, लेकिन इस राशि को खर्च करने के लिए न तो जिला परिषद की चेयरपर्सन और न ही सीईओ से अनुमति ली गई। सदन से भी कोई मंजूरी नहीं ली गई। इस कारण पार्षदों ने जिला परिषद में हुए दो दिन के सत्र के दौरान यह मुद्दा उठाया था। पार्षदों ने आरोप लगाया था कि 20 लाख रुपये का सामान खरीद लिया, लेकिन सदन को जानकारी तक नहीं दी गई। जो सामान खरीदा गया वह कार्यालय में पहुंचा ही नहीं। यह भी सामने आया कि जो एलइडी खरीदी गई वह नई एलइडी तो कर्मचारियों ने अपने घर पर लगा ली, बल्कि पुरानी एलइडी कार्यालय में लगा दी गई।

इसी तरह से अन्य सामान भी खरीद तो कर लिया, लेकिन कार्यालय में रखा ही नहीं गया। कागजों में ही 20 लाख रुपये की राशि खर्च कर दी गई। जब इसे लेकर सदन ने कर्मचारियों से जानकारी मांगी तो वह बता ही नहीं पाए। इस कारण गोलमाल की आशंका नजर आ रही है। जिला परिषद की कार्यकारी अधिकारी कमलप्रीत कौर ने इस मामले को लेकर जांच कमेटी गठित की जो अब इस मामले को लेकर जांच करेगी।

कार्यालय में पहुंची जांच कमेटी, मांगा रिकार्ड

मंगलवार को जांच कमेटी जिला परिषद कार्यालय पहुंची। कमेटी में चेयरपर्सन सुखविद्र कौर आंधली, वाइस चेयरपर्सन मुनीष कठवाड़, अकाउंट क्लर्क कुलवंत सिंह सहित पंचायत राज विभाग के कार्यकारी अभियंता और जिला परिषद के एसडीओ नवीन गोयत ने बैठक की। इसके बाद मामले से संबंधित रिकार्ड मांगा गया। कमेटी में शामिल वाइस चेयरमैन मुनीष कठवाड़ ने बताया कि यह मामला गंभीर है। बिना अनुमति के 20 लाख की खरीद की गई है और सामान कहां रखा हुआ है इसे लेकर भी कोई जानकारी नहीं है। कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। जल्द ही रिपोर्ट सीईओ और सीनियर अधिकारियों को सौंप दी जाएगी। सरकार से मांग है कि की इस मामले में जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.