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पटवारी, एडीओ और हरसैक की रिपोर्ट का मिलान नहीं होने पर होगी कार्रवाई : डीसी

कैथल डीसी सुजान सिंह ने कहा कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा में रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ वेरिफिकेशन का कार्य भी होगा। यह वेरिफिकेशन पूरी तरह से दुरूस्त होनी चाहिए। यदि पटवारी कृषि विभाग के एडीओ और हरसैक की रिपोर्ट का आपस में मिलान नहीं हुआ तो इसे लापरवाही मानी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 06:28 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 06:28 AM (IST)
पटवारी, एडीओ और हरसैक की रिपोर्ट का मिलान नहीं होने पर होगी कार्रवाई : डीसी
पटवारी, एडीओ और हरसैक की रिपोर्ट का मिलान नहीं होने पर होगी कार्रवाई : डीसी

जागरण संवाददाता, कैथल : डीसी सुजान सिंह ने कहा कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा में रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ वेरिफिकेशन का कार्य भी होगा। यह वेरिफिकेशन पूरी तरह से दुरूस्त होनी चाहिए। यदि पटवारी, कृषि विभाग के एडीओ और हरसैक की रिपोर्ट का आपस में मिलान नहीं हुआ तो इसे लापरवाही मानी जाएगी। संबंधित अधिकारी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने सभी किसानों से आह्वान किया कि सभी परिवार पहचान पत्र बनवाना सुनिश्चित करें ताकि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाते समय किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आए। वे बुधवार को लघु सचिवालय में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन कार्य के संदर्भ में संबंधित अधिकारियों की बैठक ले रहे थे।

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इससे पहले कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर योजना के संदर्भ में सभी उपायुक्तों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। डीसी सुजान सिंह ने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी किसानों को पोर्टल पर कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से डाटा अपलोड करवाने के लिए जागरूक करें। ऑनलाइन पोर्टल पर मिलान ठीक करके दुरूस्त किया जाए। कई बार पट्टेदार के साथ-साथ संबंधित जमीन का किसान भी पंजीकरण करवा देता है, उसे ठीक करें ताकि भविष्य में किसानों को फसल बेचने में दिक्कत नही हो। पटवारी पूरी जिम्मेदारी से क्षेत्र में जाकर कार्य करें और यदि सुनिश्चित करें कि किसान ने जो फसल का ब्यौरा पोर्टल पर दिया है, वही धरातल पर होना चाहिए।

सरकारी संपत्ति का रिकार्ड भी होगा टैग

उन्होंने निर्देश दिए कि जितनी भी सरकारी संपत्ति है, उन सबका रिकार्ड चैक करके टैग करवाएं ताकि कोई भी व्यक्ति मिलीभगत से उस जमीन की प्राइवेट लैंड के रूप में एंट्री नहीं करवा सके। सीमांत किसानों की जमीन की वेरिफिकेशन के लिए स्पेशल टीमों का गठन कर उनका रिकार्ड बेहतर तरीके से रखें। किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए अब चंडीगढ़ स्तर पर नहीं, बल्कि लोकल स्तर पर कमेटियां गठित करके हल किया जाएगा। उन्होंने मार्केटिग बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछली फसल के दौरान जो भी समस्याएं सामने आई थी, उन सबके मद्देनजर पहले से ही प्लान तैयार कर लिया जाए। डीसी ने गिरदावरी विषय पर निर्देश दिए कि पटवारी खटिया गिरदावरी छोड़कर क्षेत्र में जाकर कार्य करें। कोई भी गिरदावरी का मिलान अगर गलत पाया जाता है तो संबंधित पटवारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर एडीसी सतबीर सिंह कुंडू, जिला राजस्व अधिकारी श्याम लाल, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी रोजी व फूल सिंह, प्लानिग अधिकारी बिजेंद्र सिंह, ईओ बलबीर रोहिला, सचिव मोहन लाल, एडीआइओ राजीव शर्मा, वसीम अहमद आदि मौजूद रहे।

21819 किसान पंजीकृत

डीसी ने बताया कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जिला के 21 हजार 819 किसानों ने पंजीकरण करवा लिया है, जिनमें ढांड में 2836, पूंडरी में तीन हजार 74, गुहला में छह हजार 740, कैथल में 5260, कलायत में 1254, राजौंद में 979 और सीवन में 1958 किसान शामिल हैं।


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