नहीं झुकी सरकार तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे कर्मचारी
21 अगस्त को महासंघ ने राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान कर दिया है। हड़ताल की तैयारी के लिए राज्यस्तरीय कमेटी की तीन टीमें सभी जिलों का दौरा कर रही हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल : 21 अगस्त को महासंघ ने राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान कर दिया है। हड़ताल की तैयारी के लिए राज्यस्तरीय कमेटी की तीन टीमें सभी जिलों का दौरा कर रही हैं। शनिवार को प्रदेशाध्यक्ष सहित जत्था कैथल पहुंचा और बस स्टैंड पर जिला कमेटी की बैठक ली। प्रदेश के अध्यक्ष विश्व नाथ शर्मा ने कहा कि सरकार के साथ तीन दौर की वार्ता हुई। सरकार ने हर बार बातचीत कर धोखा दिया। मांगी गई मांगों को लागू करने में सरकार आनाकानी कर रही है। कोई भी मुख्य मांग को मानते हुए सरकार ने अब तक धरातल पर लागू नहीं किया है।
महासंघ को पहले ही भरोसा नहीं था। सरकार ने हर बार मांगों को जायज माना और पूरा करने का आश्वासन भी दिया, लेकिन छोटी मोटी कोई एकाध मांग छोड़ दो सभी मांगें अधूरी हैं। पहले आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित कर दी थी, लेकिन 21 अगस्त को कर्मचारियों ने सरकार को घेरने का मन बना लिया है। इतना ही नहीं सरकार ने मानी गई मांगों को नोटिफिकेशन जारी नहीं किया तो हड़ताल अनिश्चितकालीन हो सकती है। इस मौके पर मुख्य संगठन सचिव कुलभूषण शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता जयबीर घनघस, रोडवेज कर्मचारी यूनियन के राज्य महासचिव पहल ¨सह तंवर, पवन रजबाला, गांधी लेगा, बलवान कुंडू, कृष्ण किच्छाना, ईश्वर ढांडा, रामफल शिमला मौजूद थे। बॉक्स
कभी भी हो सकता है बिजली, पानी बंद और चक्का जाम
राज्य महासचिव पहल ¨सह तंवर ने कहा कि संगठन के साथ सभी विभागों के सरकारी कर्मचारी जुड़े हुए हैं। यह एकमात्र प्रदेश का ऐसा संगठन है। सरकार को मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए। कर्मचारी ने राज्यव्यापी हड़ताल का समर्थन करते हुए ऐलान किया है कि जरूरत पड़ने पर पूरे प्रदेश में बिजली, पानी बंद करने के साथ ही रोडवेज का चक्का जाम कभी भी किया जा सकता है। शिक्षा विभाग के प्रांतीय महासचिव रामनिवास शर्मा ने भी विभाग के एक एक कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने का आह्वान किया।
ये हैं मुख्य मांगें
सभी विभागों में निजीकरण बंद हो। समान काम समान वेतन लागू किया जाए। कच्चे कर्मचारियों को पॉलिसी बनाकर पक्का किया जाए। खाली पड़े पदों पर नियमित भर्ती की जाए। केंद्र के समान भत्ते दिए जाएं। जोखिम भत्ता लागू किया जाए। सभी विभागों में कैशलेस मेडिकल सुविधा दी जाए।