गोशालाओं में चारे की हो व्यवस्था तो गोवंश नहीं होगा बेसहारा
शहर की गलियों सड़कों और चौराहों पर बेसहारा घूम रहे गोवंश को हटाने से बड़ी चुनौती जिला प्रशासन और नगर परिषद के समक्ष अब गोशाला संचालकों को मनाने की है।
जागरण संवाददाता, कैथल : शहर की गलियों, सड़कों और चौराहों पर बेसहारा घूम रहे गोवंश को हटाने से बड़ी चुनौती जिला प्रशासन और नगर परिषद के समक्ष अब गोशाला संचालकों को मनाने की है। वे कई वाजिब कारण गिनाते हुए इन पशुओं को अपने यहां लेने से साफ इन्कार कर चुके हैं। इसके पीछे कारणों में चारे और रखरखाव के लिए पैसा नहीं होना सबसे बड़ा है। यही समस्या नगर परिषद के सामने भी है। गोशालाओं की आर्थिक मदद के लिए उसके पास बजट का कोई प्रावधान नहीं है।
शहर में बेसहारा गोवंश की समस्या गंभीर बनी हुई है। शहर के लोग भी परेशान हो चुके हैं और नप अधिकारियों को शिकायत करके हार चुके हैं। शहर की सड़कों और कालोनियों में करीब 700 बेसहारा पशु हैं, जिसके कारण कई बार हादसे हो चुके हैं।
जिला पालिका आयुक्त ने कुछ दिन पहले मुख्य गोशाला संचालकों की मीटिग ली थी। उन्हें पशु लेने के लिए अनुरोध किया, लेकिन संचालकों ने साफ मना कर दिया। ऐसे में नप की ओर से पशु पकड़ने का टेंडर नहीं लगाया जा रहा है। जब तक संचालक पशु लेने के लिए तैयार नहीं होता तब तक नप के हाथ भी खड़े हैं।
शहर में मुख्य पांच गोशालाएं हैं, जिनमें करीब दस हजार गोवंश रहता है। गोशालाओं में पहले ही ज्यादा पशु हैं, ऐसे में बेसहारा पशु गंभीर समस्या बने हुए हैं।
सरकार करे सहयोग
भैणी माजरा स्थित नंदी गोशाला के चेयरमैन सुरेश ने बताया कि बजट के अभाव में बेसहारा पशुओं की समस्या खड़ी होती है। नंदीशाला में करीब 1200 पशु हैं। अगर और पशु लेंगे तो चारे को लेकर समस्या खड़ी हो जाएगी। इसके लिए सरकार को चाहिए कि गोशालाओं में समय-समय पर बजट पहुंचाए। समस्या का स्थानीय प्रशासन अपने स्तर पर भी समाधान करें।
सड़कों पर मरी रहीं गायें
बेसहारा होने के चलते सड़कों पर घूम रही गाय भी रोजाना वाहनों की चपेट में आने से दम तोड़ रही हैं। सोमवार को जींद रोड पर एक गाय को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इसकी सूचना जब गोरक्षा दल के सदस्यों को मिली और वे मौके पर पहुंचे गाय की मौत हो चुकी थी।
गोशालाओं में सुविधा दे प्रशासन
गोसेवक राजू डोहर ने बताया कि बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान करने के लिए प्रशासन को गंभीर होना होगा। सड़क हादसों में अगर कोई पशु घायल हो जाता है तो उसके इलाज के लिए प्रशासन की ओर से कोई प्रबंध नहीं किया गया है। प्रशासन को चाहिए की गोशालाओं में ज्यादा से ज्यादा सुविधा दे ताकि सड़कों को घूमने वाले पशुओं को गोशाला में छोड़ा जा सके।
पशुओं के चारे का हो प्रबंध
गोसेवक सोनू वर्मा ने बताया कि प्रशासन को चाहिए कि बेसहारा पशुओं के लिए भी चारे का प्रबंध करना चाहिए। ताकि गोशालाओं में सड़क पर घूमने वाले पशुओं को छोड़ने का प्रबंध करना चाहिए।