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यू-ट्यूब से मिला आइडिया, घर की छत पर ही बना डाली पौधों की नर्सरी

रोडवेज विभाग में कंडक्टर के पद पर तैनात बालाजी कालोनी निवासी गुरदयाल सिंह ने अपने घर की छत को ही पौधों की नर्सरी बना दिया है। छत के 200 वर्ग गज में हरियाली ही दिखाई देती है। करीब 40 प्रकार के पौधे और सब्जियों की बेल लगाई हुई हैं। छत पर उगाई गई सब्जियों का घर में इस्तेमाल करते हैं और निशुल्क पड़ोसी भी लेकर चले जाते हैं। गुरदयाल सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण एक साल पहले लॉकडाउन लगा था। उस समय घर ही रहता था तो यू-ट्यूब से छत पर पौधे उगाने का आइडिया मिला। बाजार से सब्जियों फूलों और अन्य पौधों के बीज लेकर आया और उन्हें छत पर उगाना शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 05:33 AM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 05:33 AM (IST)
यू-ट्यूब से मिला आइडिया, घर की छत पर ही बना डाली पौधों की नर्सरी
यू-ट्यूब से मिला आइडिया, घर की छत पर ही बना डाली पौधों की नर्सरी

सुनील जांगड़ा, कैथल: रोडवेज विभाग में कंडक्टर के पद पर तैनात बालाजी कालोनी निवासी गुरदयाल सिंह ने अपने घर की छत को ही पौधों की नर्सरी बना दिया है। छत के 200 वर्ग गज में हरियाली ही दिखाई देती है। करीब 40 प्रकार के पौधे और सब्जियों की बेल लगाई हुई हैं। छत पर उगाई गई सब्जियों का घर में इस्तेमाल करते हैं और निशुल्क पड़ोसी भी लेकर चले जाते हैं। गुरदयाल सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण एक साल पहले लॉकडाउन लगा था। उस समय घर ही रहता था तो यू-ट्यूब से छत पर पौधे उगाने का आइडिया मिला। बाजार से सब्जियों, फूलों, और अन्य पौधों के बीज लेकर आया और उन्हें छत पर उगाना शुरू कर दिया। अब वे नियमित रूप से सुबह दो घंटे और शाम को भी दो घंटे छत पर उगे पौधों की देखभाल करते हैं। इनमें डालने के लिए देसी खाद भी घर पर ही तैयार करते हैं। किसी भी प्रकार की कोई अंग्रेजी दवाई पौधों में नहीं डालते हैं। वेस्ट सामान का किया इस्तेमाल

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गुरदयाल सिंह ने बताया कि कबाड़ी से लेकर और घर से निकलने वाले वेस्ट सामान का इस्तेमाल पौधे लगाने के लिए करते हैं। प्लास्टिक की बोतल, कांच की बोतल, दवाइयों के थर्मोकोल के डिब्बे, टूटी हुई प्लास्टिक की बाल्टियां, मिट्टी के मटके, प्लास्टिक के पाइप, प्लास्टिक के ड्रम और यहां तक की टूटे हुई चारपाई का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। पौधों को धूप से कोई नुकसान ना हो इसके लिए टेंट की तरह से उनके ऊपर कपड़ा बांधा हुआ है।

चार प्रकार के उगा रखे हैं बैंगन

गुरदयाल सिंह ने अपनी छत पर चार प्रकार के बैंगन उगाए हुए हैं। इनमें गोल बैंगन, लंबा बैंगन, सफेद और काले रंग का बैंगन शामिल है। इसके अलावा तरबूज, कंकडी, भिडी, टमाटर, घीया, ब्याज, चप्पल कद्दू, तोरी, पुदीना, शिमला मिर्च, पेठा, हरी मिर्च, अनानास, खरबूजा, अरबी, चकूंदर, गिलोय, तुलसी, आंवला, नींबू, इलासची, खीरा, चार प्रकार के फूलों की वैरायटी छत पर उगाई हुई है। यह एक सराहनीय कार्य है। ऐसे कार्य करने से घर में तैयार की गई ताजी सब्जियां मिल जाती हैं और हरियाली पर्यावरण के लिए भी सहायक है।

-कर्मचंद, कृषि उपनिदेशक


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