जिले में एचआइवी पॉजीटिव मरीज 1020, 945 मरीजों की दवाई शुरू, छह की हो चुकी है मौत
12 हजार 604 मरीजों की जांच की थी इनमें से 136 लोग पॉजीटिव थे। 2016 में नौ हजार 560 में से 108 पॉजिटिव वर्ष 2017 में आठ हजार 598 में से 84 पॉजिटिव वर्ष 2017 में अब 3500 में से 13 लोग पॉजिटिव मिले थे। दिसंबर 2018 में सरकार की तरफ से एफआइ-आर्ट केंद्र जिला स्तर पर खोला गया इसके बाद जो मरीज रोहतक पीजीआइ इलाज के लिए जाते थे।
जागरण संवाददाता, कैथल : जिले में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार अब तक 1020 मरीजों का रिकॉर्ड दर्ज हो चुका है। उनमें से 945 मरीजों की दवाई शुरू हो चुकी है, अन्य मरीजों की जांच प्रक्रिया जारी है। पिछले करीब पांच सालों में छह मरीजों की मौत हो चुकी है। यह विभाग का आंकड़ा है, लेकिन मरने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। जागरूकता की कमी के चलते लोग सामने नहीं आ रही हैं, जिन मरीजों को बीमारी के लक्ष्य नजर आते हैं, वे भी जांच के लिए सिविल अस्पताल नहीं आ रहे हैं। बहुत से मरीज दूसरे जिलों के अस्पतालों में जांच करा रहे हैं।
एफआइ-आर्ट केंद्र
प्रदेश के छह जिलों में एफआइ-आर्ट केंद्र बनाए गए हैं। उनमें कैथल जिला भी शामिल है। सिरसा, सोनीपत, जींद आदि जिलों में यह कार्यरत हैं। इंटरग्रेटेड मैनजमेंट सिस्टम के तहत एचआइवी पॉजीटिव मरीजों का पूरा रिकार्ड यहां उपलब्ध है। मरीज की कब दवाई शुरू हुई है, कब खत्म होने है, कितने माह से दवाई चल रही है। यह पूरा रिकार्ड यहां ऑनलाइन दर्ज होता है। सेंटर में एक स्टाफ नर्स, एक डाटा एंट्री ऑपरेटर और चिकित्सक मौजूद है। मरीज को एक माह की दवाई दी जाती है। जिन मरीजों की दवाई चल रही है, उन सभी को स्टाफ की तरफ से दो दिन पहले ही केंद्र में बुला लिया जाता है, ताकि मरीज की दवाई नियमित रूप से चलती रही।
यह आ रही मरीजों को दिक्कत
दवाई लेने के लिए आ रहे मरीजों को केंद्र में बेहतर सुविधा मिल रही है, लेकिन बीच-बीच में जांच के लिए चिकित्सक के पास जाते हैं तो लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है। इससे मरीज शर्म महसूस करते हैं। पूर्व में मरीजों ने इस बारे में अपनी शिकायत भी विभाग के उच्चाधिकारियों को दर्ज करवाई थी, लेकिन अब भी स्थिति ज्यों की त्यों है। मरीजों की मांग रहती है कि जहां दवाई मिल रही है। वहीं पर चिकित्सा जांच होनी चाहिए।
चार गांव में तेजी से बढ़ रही मरीजों की संख्या
एचआइवी पॉजीटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिले के राजौंद, कलायत ब्लॉक के एक-एक और पूंडरी ब्लॉक के दो गांव में एचआइवी पॉजीटिव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इन गांव में कई घर तो ऐसे हैं, जहां पति-पत्नी ही नहीं, बल्कि बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में हैं। इसी प्रकार कैथल शहर में भी कई कालोनियों में इस बीमारी के मरीजों का ग्राफ बढ़ा है।
2015 में विभाग ने 12 हजार 604 मरीजों की जांच की थी, इनमें से 136 लोग पॉजीटिव थे। 2016 में नौ हजार 560 में से 108 पॉजिटिव, वर्ष 2017 में आठ हजार 598 में से 84 पॉजिटिव, वर्ष 2017 में अब 3500 में से 13 लोग पॉजिटिव मिले थे। दिसंबर, 2018 में सरकार की तरफ से एफआइ-आर्ट केंद्र जिला स्तर पर खोला गया, इसके बाद जो मरीज रोहतक पीजीआइ इलाज के लिए जाते थे। उन्हें जिला स्तर पर ही दवाई उपलब्ध कराई गई। इसके बाद सभी मरीजों को जिला स्तर पर ही शिफ्ट कर दिया गया।
बचाव के तरीके
-यौन संबंध के दौरान कंडोम का उपयोग करें। यह यौन संक्रमित रोग तथा अनचाहे गर्भ से बचाता है।
-यौन रोगी की जांच के लिए सरकारी अस्पताल में सुविधा दी गई है।
-गर्भवस्था के दौरान प्रत्येक महिला अपने खून की एचआइवी जांच जरूरी कराएं।
-खून हमेशा मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक से ही लें।
-इंजेक्शन लगवाने के लिए नई सूई का प्रयोग करें।
-गांव में बैठे झोला छापों से इलाज न कराएं।
वर्जन
जिला नागरिक अस्पताल के चिकित्सक डॉ. दिनेश कंसल ने बताया कि एचआइवी पॉजीटिव मरीजों की प्राथमिकता के साथ जांच व इलाज निश्शुल्क होती है। बीमारी से बचाव को लेकर समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित करते हुए जागरूक किया जा रहा है।