बारिश से फसलों को भारी नुकसान
पिछले तीन दिनों से रुक-रुककर हो रही जोरदार बरसात गेहूं की फसल के लिए अभिशाप साबित हो रही है। बरसात से जहां किसानों के चेहरों पर हवाईयां उड़ रही है, वहीं फसलें बरसात के साथ तेज हवाओं के प्रकोप के कारण खेतों में नीचे बिछ गई है। बरसात का पानी खेतों में जमा हो गया है और किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए खेतों में डटे हुए हैं।
संवाद सहयोगी, ढांड: पिछले तीन दिनों से रुक-रुककर हो रही जोरदार बरसात गेहूं की फसल के लिए अभिशाप साबित हो रही है। बरसात से जहां किसानों के चेहरों पर हवाईयां उड़ रही है, वहीं फसलें बरसात के साथ तेज हवाओं के प्रकोप के कारण खेतों में नीचे बिछ गई है। बरसात का पानी खेतों में जमा हो गया है और किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए खेतों में डटे हुए हैं। कई दिनों के लिए फसलों की कटाई का कार्य बंद हो गया है, वहीं मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी गेहूं पानी से तरबतर हो गई है। दूसरी तरफ भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुणी प्रकाश ने चेतावनी दी है कि खराब फसलों का मुआवजा न देने वाले व बीमा करने वाले बैंकों की भाकियू तालाबंदी करेगी और मुआवजा न मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। गुणी प्रकाश ने कहा कि किसानों के खातों से बीमा के नाम पर किश्त काटने वाले बैंकों की मुआवजा न देने की सूरत में भाकियू तालाबंदी करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को यहीं नहीं पता कि किस कंपनी ने उनकी फसलों का बीमा किया है। जबकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कहा गया था कि फसल न बिकने तक फसलों का बीमा रहेगा। अब बरसात से मंडियों में आ चुकी हजारों ¨क्वटल गेहूं पानी में बह चुकी है, लेकिन बीमा कंपनी इस बारे में कोई पहल नहीं कर रही है। किसान शेर ¨सह, नफे ¨सह, अमरीक ¨सह, रोशन लाल, जयपाल ¨सह, चंबा ¨सह, अजमेर ¨सह, रौनक राम, जिले ¨सह, मनोहर लाल, मांगे राम, प्रताप ¨सह सहित कई किसानों ने बताया कि तीन दिनों से हो रही बरसात से किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। वे सरकार से मांग करते हैं कि सरकार खराब हुई किसानों की फसलों का उचित मुआवजा दे।