सोलूमाजरा के खेतों में लगी आग से दो कूप जलकर राख
सोलूमाजरा के खेतों में अचानक आग लगने से हाहाकार मच गई। सूचना मिलते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल पड़े और आग बुझाने में जुट गए। तेज आंधी के कारण आग से उठ रही लपटें देखते ही गांव में घुस गई। गांव के साथ लगते एक बाडे में बने बरामदे में व वहां बंधे कूपों को अपनी चपेट में ले लिया।
संवाद सहयोगी, ढांड : सोलूमाजरा के खेतों में अचानक आग लगने से हाहाकार मच गई। सूचना मिलते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल पड़े और आग बुझाने में जुट गए। तेज आंधी के कारण आग से उठ रही लपटें देखते ही गांव में घुस गई। गांव के साथ लगते एक बाडे में बने बरामदे में व वहां बंधे कूपों को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते दोनों कूप राख में तबदील हो गए। किसान करनैल ने बताया कि खेतों में आग लगने के डर से भूसा गांव में बंधवाया था। ताकि सुरक्षित रह सके। लेकिन अब पशुओं को खिलाने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं बचा है। पशुओं के लिए सूखे चारे की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई। किसान ने जिला प्रशासन से आग से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सहायता की गुहार लगाई है। उधर, आग के काबू न पाने पर ग्रामीणों ने फायर बिग्रेड व ढांड थाने में इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही ढांड थाना प्रभारी राम कुमार नायब तहसीलदार ढांड गौरव शमर, रीडर राजेश कुमार दल बल सहित मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों व फायर बिग्रेड की सहायता से कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। थाना प्रभारी राम कुमार ने बताया कि करनैल उर्फ कैला के 2 कूप तूडी के जल गए। अर्जुन के बरामदे में लगी आग ग्रामीणों की समझदारी से टल गई।
तेज तूफान के कारण गेहूं के अवशेषों में लगी आग
संवाद सहयोगी, कलायत : गांव बढ़सीकरी कला के साथ आस-पास के गांवों के बड़े कृषि रकबे में वीरवार को तूफान के बीच आग ने तांडव मचाया। शाम करीब साढ़े चार बजे अज्ञात कारणों से आग धधक उठी। देखते ही देखते सैंकड़ों एकड़ कृषि भूमि में तूड़ी के लिए संरक्षित फानों, तूड़ी कूपों, एक हैचरी, कृषि उपकरणों और अन्य संसाधनों को आग ने अपनी चपेट में ले लिया। गांव की महिला सरपंच के प्रतिनिधि सरदार जोगेंद्र सिंह ने किसानों के साथ घटना की सूचना प्रशासन को दी। दमकल विभाग की एक गाड़ी गांव में मौकास्थल पर पहुंची। किसानों, दमकल कर्मियों और ग्रामीणों ने भारी मशक्कत कर आग पर काबू पाया। किसानों ने पानी, वृक्षों की टहनियों, खेतों की जुताई कर अपने स्तर पर हर संभव प्रयास करते हुए आग के बढ़ते कदमों को रोका गया। अगर ग्रामीण समय पर सजगता का परिचय न देते तो आवासीय क्षेत्र में आग के कोहराम से तबाही मच सकती थी। कर्मबीर, देवीप्रसन्न, नरेंद्र, पवन ने कृषि क्षेत्र में हुई क्षति की भरपाई की फरियाद प्रशासन से लगाई है। करीब दो घंटे तक आग को नियंत्रित करने में लोग लगे रहे। इसके साथ ही सीमावर्ती गांवों के लोगों को आग के संदर्भ में सूचनाएं प्रेषित करते हुए चौकस रहने की अपील की है।