Move to Jagran APP

मलेरिया के लारवे की जांच के लिए चार माह में 3.77 घरों का सर्वे

कोरोना महामारी के इस दौर में मलेरिया को लेकर भी विभाग का सर्वे चल रहा है। पिछले चार माह में विभाग की टीमों ने 3 लाख 77 हजार 193 घरों की जांच की। यहां 187 घरों में लारवा मिला है। विभाग की टीम ने मकान मालिकों को नोटिस जारी किया है। यहां दोबारा लारवा मिला तो जुर्माना लगाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 06:31 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 06:31 AM (IST)
मलेरिया के लारवे की जांच के लिए  चार माह में 3.77 घरों का सर्वे
मलेरिया के लारवे की जांच के लिए चार माह में 3.77 घरों का सर्वे

सुरेंद्र सैनी, कैथल : कोरोना महामारी के इस दौर में मलेरिया को लेकर भी विभाग का सर्वे चल रहा है। पिछले चार माह में विभाग की टीमों ने 3 लाख 77 हजार 193 घरों की जांच की। यहां 187 घरों में लारवा मिला है। विभाग की टीम ने मकान मालिकों को नोटिस जारी किया है। यहां दोबारा लारवा मिला तो जुर्माना लगाया जाएगा।

loksabha election banner

सर्वे को लेकर 125 के करीब टीमें गठित की गई हैं, जो रोजाना शहर के वार्डो व गांव में जाकर सर्वे कर रही हैं। अब तक नौ हजार 634 कूलर, एक लाख 27 हजार 239, दो हजार 682 पानी की होदियां, 639 घरों के बाहर जमा पानी में लारवे की जांच की यहां कोई लारवा नहीं मिला। घरों की छत पर रखा कबाड़, फ्रिज की ट्रे सहित अन्य जगहों पर लारवा मिला है। वर्ष 2017 के बाद जिले में मलेरिया का कोई केस सामने नहीं आया है। वर्ष 2022 तक जिले को मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य विभाग ने रखा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र के तालाबों में लारवा न पनपे इसके लिए विभाग की तरफ से गम्बुजिया मछली छोड़ी गई है। एक मछली रोजाना 100 से 300 मच्छर खा जाती है।

लोगों को किया जा रहा जागरूक

अब मलेरिया का सीजन चला हुआ है। अक्टूबर माह तक यह जारी रहेगा। इसके बाद डेंगू का सीजन शुरू होगा। वर्ष 2015 में 26 व 2016 में 16 व 2017 में 9 केस मलेरिया के मिले थे। इसके बाद अब तक कोई केस नहीं आया है, जबकि डेंगू के वर्ष 2015 में 275, 2016 में 421, 2017 में 157, 2018 में 31, 2019 में कोई केस नहीं मिला है। 2020 में 114 केस मिले हैं।

इसी तरह से चिकनगुनिया के 2015 में कोई केस नहीं मिला। 2016 में दो केस मिले थे। इसके बाद कोई केस चिकनगुनिया का भी नहीं मिला है। जापानी बुखार का 2015 में एक केस व 2017 में दो केस मिले थे। इसी तरह से स्वाइन फ्लू के 2015 में पांच केस, एक की मौत, 2016 में तीन केस दो की मौत, 2017 में छह केस, दो की मौत, 2018 में कोई केस नहीं मिला न कोई मौत हुई। 2019 में 27 व 2020 में कोई केस नहीं मिला था। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोरोना महामारी के साथ मलेरिया सहित अन्य बीमारियों को लेकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मलेरिया से बचाव को लेकर लक्षण व सावधानियों के बारे में जानकारी दी जा रही है।

विभाग पूरी तरह से सतर्क

जिला सिविल सर्जन डा. शैलेंद्र ममगाई ने बताया कि कोरोना महामारी के साथ-साथ दूसरी बीमारियों से बचाव को लेकर भी विभाग पूरी तरह से सतर्क है। अब मलेरिया का सीजन चला हुआ है, इसलिए लोग विशेष सावधानी बरतें। लक्षण नजर आने पर जांच करवाएं। विभाग की तरफ से 125 टीमें गठित की गई हैं, जो गांव व शहर के वार्डो में जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। अब तक 187 जगहों पर मलेरिया का लारवा मिला है। दवाई डालकर इसे नष्ट कर दिया है। लोगों से भी अपील है कि घरों में रखे पानी के बर्तन, घर के बाहर जमा बरसाती पानी में काला तेल डाल दें या फिर मिट्टी डालकर उसे भर दें, ताकि मच्छर पैदा न हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.