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जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल बने HSGPC प्रधान, झिंडा गुट को हरा की सरदारी हासिल

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGPC) के अध्यक्ष पद के लिए आज मतदान हुआ जिसमें जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल प्रधान चुने गए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 01:05 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 04:11 PM (IST)
जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल बने HSGPC प्रधान, झिंडा गुट को हरा की सरदारी हासिल
जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल बने HSGPC प्रधान, झिंडा गुट को हरा की सरदारी हासिल

जेएनएन, गुहला-चीका [कैथल]। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGPC) के प्रधान पद को लेकर मतदान हुआ। जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल और पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झिंडा गुट के बीच आमने-सामने की टक्कर थी, जिसमें दादूवाल ने झिंडा गुट के उम्मीदवार जसवीर सिंह खालसा को दो वोटों से हराकर एचएसजीपीसी की सरदारी हासिल की।

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कमेटी के प्रदेश के सभी 36 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा लिया। इनमें महिलाएं भी शामिल रहीं। जीत दर्ज करने के बाद दादूवाल ने कहा कि चुनाव तक ही कमेटी में दो धड़े थे। वे सबको साथ लेकर हरियाणा की सिखों की हितों के लिए लड़ाई लड़ेंगे। सिख समुदाय में सौहार्द बना रहे, इसके लिए काम किया जाएगा। हरियाणा के युवाओं को नशे की लत से दूर रखना ही प्राथमिकता रहेगा। 

पिछले दिनों दोनों तरफ से सिख सदस्यों में हुई तनावयुक्त बयानबाजी को देखते हुए एसपी शशांक कुमार सावन खुद मौके पर पहुंचे थे। कड़े सुरक्षा प्रबंधों की बीच कमेटी का चुनाव हुआ। एचएसजीपीसी की शेष कार्यकारिणी का गठन अब नवनियुक्त प्रधान जत्थेदार बलजीत सिहं दादूवाल करेंगे। मतदान चीका के छठी एवं नौवीं पातशाही में गुरुद्वारा परिसर में चल रहा हैं । बता दें कि इसी परिसर में एचएसजीपीसी का प्रदेश कार्यालय स्थापित किया गया है। वीरवार को प्रधान पद के लिए मतदान चुनाव।

कमेटी के अध्यक्ष प्रधान पद को लेकर कमेटी के पूर्व प्रधान जगदशी सिंह झिंडा ग्रुप की तरफ से जसवीर सिंह खालसा और कार्यकारी अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल की तरफ से स्वयं दादूवाल चुनाव मैदान में थे। तहसीलदार गुहला को ड्यू्टी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। चुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसे लेकर पुलिस प्रशासन भी अलर्ट नजर आ रहा है।

बता दें कि एचएसजीपीसी के प्रधान जगदीश सिंह झिंडा ने स्वास्थ्य कारणों के चलते पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल को एक माह के लिए कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन वे खुद भी अब बतौर उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। झिंडा और दादूवाल ग्रुप में ही यह चुनाव हुआ, जिसमें झिंडा खेमे को शिकस्त मिली।

चुनाव के लिए कुल पांच उम्मीदवारों ने नामांकन किया गया था, लेकिन दो ने अपने नामांकन वापस ले लिए। इनमें से एक ने दादूवाल को समर्थन दिया था। एक उम्मीदवार के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर बंटने के बाद उनके खिलाफ संगत ने मोर्चा खोल दिया था और उनकी सदस्यता रद करने तक की मांग उठाई थी।

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