हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नलवी गुट की बैठक, बलजीत सिंह दादूवाल को बताया गैर-कानूनी प्रधान
छठी एवं नौवीं पातशाही गुरुद्वारा के लंगर हाल में शुक्रवार को एसजीपीसी नवली गुट की बैठक हुई। बैठक में बलजीत सिंह दादूवाल को गैर कानूनी प्रधान बताया गया।
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : छठी एवं नौवीं पातशाही गुरुद्वारा के लंगर हाल में शुक्रवार को हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नलवी गुट की बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दीदार सिंह नलवी ने की। बैठक में आधा दर्जन से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। नलवी ने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान बलजीत सिंह दादूवाल ने जिस कार्यकारिणी का गठन किया है, वह गैर-कानूनी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कमेटी के गठन में हाउस का बहुमत होना जरूरी है, लेकिन कमेटी का गठन करते समय हाउस में मौजूद सदस्यों की संख्या बहुमत से कम थी। इसके चलते प्रधान दादूवाल की कमेटी पूरी तरह गैर-कानूनी है। उन्होंने कहा की सच्चाई तो यह है कि उनका गुट दादूवाल को प्रधान ही नहीं मानते। उन्होंने बैठक में मौजूद मौजूद कमेटी के सदस्यों व संगत से हाथ उठवाकर प्रस्ताव पास करवाया कि वे दादूवाल को प्रधान के पद से ही बर्खास्त करते हैं। उन्होंने दादूवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। नलवी ने कहा कि दादूवाल ने अपने एक साल के कार्यकाल का कोई हिसाब-किताब नहीं दिया। जिससे कमेटी के सदस्यों व संगत में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि कमेटी के सदस्य बार-बार हिसाब मांग रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें टाल दिया जाता है।
दादूवाल सरकारी आदमी हैं: नलवी
नलवी ने आरोप लगाया कि दादूवाल सरकारी आदमी हैं और सरकार के साथ मिले हैं। इसके चलते इस बैठक में पुलिस ने जिस तरीके से नाकाबंदी की थी, वह उचित नहीं थी। सिख संगत गुरुघर में बैठकर अपने निजी विचारों को एक दूसरे से साझा करना चाहते थे, लेकिन वहां सरकार के इशारे पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिस की तैनाती से उन्हें कोई फर्क पड़ने वाला नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने दादूवाल के खिलाफ जो प्रस्ताव पास करने थे, वे संगत की सहमति से पास कर दिए हैं। नलवी ने कहा कि बैठक में कई और प्रस्ताव पास किए गए। जिन पर मौजूद सदस्यों व संगत ने हाथ उठाकर सभी का समर्थन किया। बैठक के शुरू होते ही कुछ महिलाएं बैठक में आ गर्इं और उन्होंने हल्ला मचाना शुरू कर दिया। नलवी ने आरोप लगाया कि ये महिलाएं दादूवाल की समर्थक हैं। वह शांतिपूर्ण बैठक करना चाहते थे, लेकिन दादूवाल बैठक में हंगामा करवाने चाहते थे। इस बैठक में सिख संगत ने पूरी तरह जिम्मेदारी का परिचय दिया और कुछ ऐसा नहीं किया जिससे कोई अलगाव जैसी बात उभरकर सामने आती। इस बीच महिलाओं ने बोलने का समय मांगा, लेकिन आयोजकों ने उन्हें समय नहीं दिया।
चन्नदीप सिंह ने असंतुष्ट गुट की बैठक को गैरकानूनी बताया
दूसरी तरफ कमेटी के सचिव चन्नदीप सिंह ने असंतुष्ट गुट की बैठक को गैरकानूनी बताया है और कहा कि दादूवाल संवैधानिक तरीके से चुनकर प्रधान बने हैं। उन द्वारा किए जा रहे कार्य गुरुघर व समाज के हित में है। उन्होंने आरोप लगाया कि कथित रूप से असंतुष्ट गुट के पास कहने व करने को कुछ नहीं है। जिसके चलते वे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। गुरु घर में कमेटी द्वारा जो भी कार्य हो रहा है, वह पारदर्शी तरीके से हो रहा है। जिस भी व्यक्ति को किसी प्रकार की शंका है तो वह गुरुद्वारा परिसर में किसी भी समय वहां उपस्थित मैनेजर से रिकार्ड देख सकता है।