सीएम की घोषणा से निर्माणाधीन पालिका भवन में अनियमितता उजागर
संवाद सहयोगी, कलायत: मुख्यमंत्री की घोषणा से निर्माणाधीन नगरपालिका कार्यालय भवन में अनियमितताएं
संवाद सहयोगी, कलायत: मुख्यमंत्री की घोषणा से निर्माणाधीन नगरपालिका कार्यालय भवन में अनियमितताएं उजागर हो जाने से प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो गए है। भाजपा प्रांतीय उपाध्यक्ष धर्मपाल शर्मा ने नपा तत्वाधान में 27 मार्च 2018 को करीब साढ़े तीन करोड़ की लागत से बनने वाले भवन का भूमिपूजन किया था। 11 जुलाई को जिस प्रकार निर्माण योजना में बड़ी अनियमितताएं उजागर हुई और एसडीएम द्वारा नोटिस जारी किया गया, उसने निगरानी एजेंसी के कामकाज को जांच के कटघरे में खड़ा कर दिया है। निर्माण कार्य की 106 दिन की समयावधि में आखिरकार अधिकारियों ने मौका मुआयना क्यों नहीं किया। इसकी जवाब तलबी जनता कर रही है। लोगों का कहना है कि ईंट, सरिया, रेत और दूसरी सामग्री जिस प्रकार गुणवत्ता से परे मिली है उससे यह भी संदेह है कि शुरू से ही गड़बड़ी जारी थी। एसडीएम को शिकायत देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शीशपाल, रघवीर, तरसेम, बींद्र, सोनू और विक्रम का आरोप है कि इस मायने से मिट्टी का भराव, भवन की नींव और निर्माण के दूसरे पहलुओं की सिरे से जांच अनिवार्य हो जाती है।
निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टिड करने की मांग
नगरपालिका भवन निर्माण का कार्य जिस व्यक्ति के नाम जारी किया गया है, उसकी पत्?नी नव निर्वाचित पार्षद हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पद की आड़ में कहीं न कहीं निगरानी एजेंसी पर दबाव बनाया गया। उन्होंने निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टिड करने की मांग की है।
जांच रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई
एसडीएम जगदीप ¨सह ने कहा कि शिकायत के आधार पर तत्काल प्रभाव से नगरपालिका कार्यालय भवन निर्माण में प्रयुक्त की जा रही सामग्री की जांच प्रक्रिया शुरू की गई है। निर्माण एजेंसी को नोटिस जारी किया गया है। जांच रिपोर्ट प्राप्ति के बाद कार्रवाई की जाएगी।