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जो बोल सो निहाल, सतश्री अकाल के जयघोष से गूंजा शहर

सिखों के दसवें गुरु और खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिद सिंह का प्रकाशोत्सव श्रद्धापूर्वक और धूमधाम से मनाया गया। पर्व को लेकर सिखों में भारी उत्साह रहा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 09:31 AM (IST)
जो बोल सो निहाल, सतश्री अकाल के जयघोष से गूंजा शहर
जो बोल सो निहाल, सतश्री अकाल के जयघोष से गूंजा शहर

जागरण संवाददाता, कैथल : जिले में बुधवार को सिखों के दसवें गुरु और खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिद सिंह का प्रकाशोत्सव श्रद्धापूर्वक और धूमधाम से मनाया गया। पर्व को लेकर सिखों में भारी उत्साह रहा। प्रमुख गुरुद्वारों में सुबह से ही लोग पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचे। शहर के नीम साहिब और श्री मंजी साहिब गुरुद्वारा में पर्व को लेकर अखंड पाठ का आयोजन किया गया। गुरुघर में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने गुरू ग्रंथ साहिब के सामने माथा टेककर अरदास करवाई। दोनों ही गुरुद्वारों को भव्य ढंग से सजाया गया। सिख समाज के लोगों की ओर से शहर में नगर कीर्तन निकाला गया। नगर कीर्तन की शुरुआत श्री नीम साहिब गुरुद्वारे से हुई, जो पूरे शहर की परिक्रमा करने के बाद वापस श्री नीम साहिब गरुद्वारे में संपन्न हुई। नगर कीर्तन में महिलाओं ने गुरु ग्रंथ साहिब की विराजमान पालकी साहिब के आगे झाड़ू से सफाई की और युवाओं ने गतका प्रदर्शन किया। नगर कीर्तन की अगुआई परंपरागत सिख वेशभूषा में सजे पंज प्यारों ने की। संगत ने जगह-जगह फूलों की बरखा कर नगर कीर्तन का स्वागत किया। शहर में मुख्य आयोजन गुरुद्वारा नीम साहिब में हुआ। सुबह हेड ग्रंथी निर्मल सिंह ने श्री अखंड साहिब का भोग पाया और शब्द कीर्तन किया। गुरुद्वारा नीम साहिब से पंज प्यारों की अगुआई में नगर कीर्तन की शुरुआत हुई।

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शहर की श्री सुखमणि सभा सोसाइटी के सदस्य शब्द कीर्तन करते हुए चल रहे थे। नगर कीर्तन डोगरा गेट, चंदाना गेट, भगत सिंह चौक, करनाल रोड वह मटका चौक से होते हुए श्री गुरु तेग बहादुर चौक पर पहुंचा। कीर्तन में शामिल कीर्तन जत्था साहब सिंह, गुरप्रीत सिंह ने बोले सो निहाल सत श्री अकाल, वाहो वाहो गोबिद सिंह आपे गुर चेला, मां गुजरी दे चन वरगा चन होर कोई नहीं हो सकदा शबद पेश किए। एसजीपीसी सदस्य शरणजीत सिंह सौथा ने कहा कि श्री गुरु गोबिद सिंह जी ने देश और धर्म की रक्षा के लिए सर्वस्व कुर्बान कर दिया। हमें गुरुजी के दिखाए हुए मार्ग पर चलना चाहिए। सुखबीर सिंह मांडी ने संगत को अमृत संचार कर गुरु के सिख सजने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर बाबा पाला सिंह, एसजीपीसी मैनेजर रुपिद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, मनिद्र सिंह एडवोकेट, पटवारी सुखविद्र सिंह मौजूद थे।


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