हड़ताल के चलते बंद रही मंडी, नहीं हुई धान की खरीद
दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में जिलेभर की अनाज मंडियां मंगलवार को बंद रही। आढ़तियों ने दुकानों को बंद रखते हुए हड़ताल का समर्थन किया। शहर की दोनों अनाज मंडियों के आढ़ती सुबह नई अनाज मंडी में एकत्रित हुए
जागरण संवाददाता, कैथल : दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में जिलेभर की अनाज मंडियां मंगलवार को बंद रही। आढ़तियों ने दुकानों को बंद रखते हुए हड़ताल का समर्थन किया। शहर की दोनों अनाज मंडियों के आढ़ती सुबह नई अनाज मंडी में एकत्रित हुए।
जिला मंडी एसोसिएशन प्रधान अश्विनी शोरेवाला और पुरानी अनाज मंडी प्रधान श्याम बहादुर खुरनिया ने अध्यक्षता करते हुए आढ़तियों को संबोधित किया। हड़ताल के चलते मंडी में न तो धान खरीदा गया और न ही उठान हुआ। इस कारण मजदूर खाली बैठने को मजबूर रहे।
आढ़तियों ने कहा कि किसान और आढ़तियों का आपसी भाईचारा है, जो सरकार खत्म करना चाहती है। जो नए कृषि कानून हैं उन्हें वापस लिया जाए। हड़ताल के कारण जो किसान मंडी में धान लेकर आए वह भी वापस ले जाने पर मजबूर रहे।
पूरी तरह से बंद रही मंडियां : शोरेवाला
जिला मंडी एसोसिएशन प्रधान अश्विनी शोरेवाला ने बताया कि जिले की सभी छह मंडियां किसानों के आंदोलन के समर्थन में बंद रही। सुबह आठ बजे नई अनाज मंडी में आढ़ती एकत्रित हुए। सभी आढ़तियों ने इस हड़ताल का समर्थन किया। मंडी में न तो धान खरीदा गया और न ही उठान हुआ। आढ़तियों ने मंडी में एकत्रित होकर रोष प्रकट किया। आढ़तियों ने कहा कि सरकार जो कृषि कानून बनाया है उससे आढ़तियों और किसानों को नुकसान है। इन कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। इन इससे आढ़तियों और किसानों का आपसी भाईचारा खत्म होता है, इसलिए इन कानून को वापस लेकर पहले की आढ़तियों और किसानों में लेनदेन हो। पुरानी अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान श्याम बहादुर खुरानिया ने बताया कि सुबह ही मंडी की सभी दुकानें बंद रही। आढ़तियों ने किसानों के इस आंदोलन का समर्थन किया।
खाली बैठे रहे मजदूर
मंडियों में आढ़तियों की हड़ताल के चलते मजदूर खाली बैठे रहे। नई अनाज मंडी में फूस उठाने का कार्य तो चलता रहा, लेकिन धान की खरीद और उठान नहीं हुआ। मंडी में दुकानों के बाहर आढ़ती बैठे रहे। कुछेक किसान धान लेकर आए, लेकिन हड़ताल के चलते वापस लौटा दिया। मजदूरों ने भी आढ़तियों और किसानों की इस हड़ताल का समर्थन किया।
किसान आंदोलन के समर्थन में गांव पाई में हुई महांपचायत
संस, पाई : पाई गांव में मंगलवार को बड़ी चौपाल पर सभी ग्रामीणों ने दिल्ली किसान आंदोलन के समर्थन में महापंचायत की। इसमें किसानों के आंदोलन को बदनाम करने व किसानों की मांग न मानकर किसानों पर हो रहे अत्याचार की निदा की। पंचायत में फैसला लिया गया कि अगर सरकार द्वारा किसानों की मांग जल्द न मानकर किसानों को आंदोलन को लंबा लड़ना पड़ा तो जो भी सहयोग की अपेक्षा होगी सभी तरह का सहयोग इस आंदोलन में किया जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस आंदोलन में दिल्ली पहुंचेंगे। राशन सामग्री भी गांव से समय समय पर दिल्ली आंदोलन में पहुंचाई जाएगी। जब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा पूरा सहयोग किसानों का किया जाएगा। इस अवसर पर गांव के सभी पूर्व सरपंच सहित गांव के लोग मौजूद थे।