खराब फसल का बीमा क्लेम न देने पर जताया रोष
किसानों ने बैठक कर खराब फसल की एवज में बीमा क्लेम का लाभ न देने पर रोष जताया। चंदलाना गांव निवासी किसान सुंदर ने बताया कि उसने भारतीय स्टेट बैंक साखा ढांड से कृषि क्रेडिट कार्ड बनवाया हुआ है। जहां बैंक की तरफ से फसली बीमा के नाम पर जबरन मेरे खाते से राशि काट ली गई। अब पांच एकड़ पीआर धान की फसल बीमारी आने से खराब हो गई है। जिसका क्लेम देने से बैंक अधिकारी इंकार कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, ढांड : किसानों ने बैठक कर खराब फसल की एवज में बीमा क्लेम का लाभ न देने पर रोष जताया। चंदलाना गांव निवासी किसान सुंदर ने बताया कि उसने भारतीय स्टेट बैंक साखा ढांड से कृषि क्रेडिट कार्ड बनवाया हुआ है। जहां बैंक की तरफ से फसली बीमा के नाम पर जबरन मेरे खाते से राशि काट ली गई। अब पांच एकड़ पीआर धान की फसल बीमारी आने से खराब हो गई है। जिसका क्लेम देने से बैंक अधिकारी इंकार कर रहे हैं।
सुंदर ने कहा कि जब खराब हुई फसलों का क्लेम देना ही नहीं है तो किसानों से बीमा के नाम पर जबरन पैसे क्यों काट लिए जाते हैं। किसान ने सरकार से मांग की है कि या तो उसकी खराब हुई फसल का बीमा क्लेम दिया जाए या फिर जो राशि बैंक ने आज तक उसके खाते से बीमा के नाम पर ली गई है, उसे ब्याज सहित वापस किया जाए। वहीं बैंक अधिकारियों का कहना है कि जब तक गांव में 90 प्रतिशत किसानों की फसल खराब नहीं हो जाती तब तक क्लेम नहीं मिलेगा। इसे लेकर किसानों में रोष है।
कृषि विकास अधिकारी से मिले किसान
भारतीय स्टेट बैंक शाखा ढांड के प्रबंधक रमेश सचदेवा ने बताया कि किसान उसके पास आया था। फसल खराब होने के बारे में बताया था। किसान को सलाह दी गई कि कृषि विकास अधिकारी से मिले या फिर कृषि उप निदेशक कैथल से मिलकर अपनी समस्या रखे। वहीं इसका समाधान हो सकेगा। सरकार की बीमा पॉलिसी के अनुसार गांव में 70 प्रतिशत फसल खराब होने पर ही बीमा कंपनी क्लेम देती है।