मूंदड़ी गांव से शिफ्ट हो सकता है महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विवि
मूंदड़ी गांव में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के निर्माण पर एक बार फिर संकट के बादल छा गए हैं। ग्रामीणों ने गांव से विश्वविद्यालय को शिफ्ट करने का आरोप लगाते हुए विधायक लीला राम से मिलकर शिकायत दर्ज करवाई है। वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मूंदड़ी गांव में प्रदेश के पहले महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय की घोषणा की थी।
जागरण संवाददाता, कैथल : मूंदड़ी गांव में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के निर्माण पर एक बार फिर संकट के बादल छा गए हैं। ग्रामीणों ने गांव से विश्वविद्यालय को शिफ्ट करने का आरोप लगाते हुए विधायक लीला राम से मिलकर शिकायत दर्ज करवाई है।
वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मूंदड़ी गांव में प्रदेश के पहले महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय की घोषणा की थी। इस विश्वविद्यालय को लेकर कक्षाएं तो डा.भीम राव आंबेडकर राजकीय कालेज के भवन में शुरू हो गई हैं, लेकिन विश्वविद्यालय का भवन भूमि पूजन के दो साल बाद भी मूंदड़ी में तैयार नहीं हो पाया है।
हाल ही में सरकार की ओर से पूंडरी के गांव जटहेड़ी में 55 एकड़ की जगह का प्रस्ताव कैबिनेट में पास किया है। इसको लेकर जल्द ही जमीन खरीदने को लेकर तैयारी भी की जाने लगी है। गांव जटहेड़ी में 55 एकड़ जमीन के प्रस्ताव के बाद अब मूंदड़ी के ग्रामीणों को अंदेशा है कि यह विश्वविद्यालय गांव जटहेड़ी में शिफ्ट हो जाएगा।
इसको लेकर रविवार को लवकुश महातीर्थ सभा के सदस्य व अन्य ग्रामीण स्थानीय विधायक लीला राम से मिले। ग्रामीणों की मांग थी गांव मूंदड़ी में विवि का निर्माण हो। अब सरकार ने गांव जटहेड़ी में जगह खरीदने का प्रस्ताव रखा है, ऐसे में तो विवि वहां स्थापित हो जाएगा।
उनका कहना था कि दस साल के संघर्ष के बाद वर्ष 2014 में भगवान वाल्मीकि की तपोस्थली और लवकुश तीर्थ को लेकर सरकार ने ही यहां विश्वविद्यालय बनाने की मांग को पूरा किया था।
अब विधायक रणधीर गोलन की डिमांड के बाद इस विवि की जगह बदली जा रही है। वहीं, ग्रामीणों का यह कहना है कि पिछले चार सालों में गांव में विवि का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है। यदि विश्वविद्यालय का निर्माण करना है तो यहां ही निर्माण कार्य शुरू हो जाता। अब तक तो ऐसा नहीं हुआ है।
गांव देगा जमीन, जटहेड़ी
में न की जाए शिफ्ट :
लवकुश महातीर्थ सभा के प्रधान महेंद्र मूंदड़ी ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा सरकार से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद कड़े संघर्ष से गांव मूंदड़ी में विश्वविद्यालय की अनुमति मिली थी। गांव में विवि के निर्माण को लेकर भूमि पूजन भी दो साल पहले हो चुका है। विश्वविद्यालय प्रशासन बार-बार इसे शिफ्ट करवा रहा है। जबकि ग्रामीण जल्द ही गांव में ही विश्वविद्यालय का निर्माण पूरा होने की बाट जोह रहे है।
महेंद्र ने बताया कि विधायक लीला राम से मिलने पहुंचे थे, लेकिन यहां विधायक के मौजूद न होने से उनके कार्यालय सचिव को ज्ञापन सौंपा है। विधायक से फोन के माध्यम से बात हुई थी। इस पर विधायक ने उनसे मंगलवार को दोबारा मिलने के लिए बुलाया है। उन्होंने ग्रामीणों की बात को सीएम के सामने रखने की भी बात कही है।
इस मौके पर उनके साथ पंच चमेल सिंह, पूर्व सरपंच सतीश, अमित गोरा पंच, सतपाल, अंकित, अंकुश, अर्जुन, राजेंद्र शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।
दो बार पहले भी उठ चुका
है शिफ्ट करने का मामला
बता दें कि मूंदड़ी गांव में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय बनाने के लिए वर्ष 2018 में भूमि पूजन भी किया जा चुका है, लेकिन गांव में विवि को मिली जमीन में पहले कुछ विवाद हो गया था। यहां सौ-सौ गज के प्लाट और बिजली निगम की ओर से खंभे नहीं निकालने के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। दो वर्ष पहले भी प्यौदा गांव की पंचायत की ओर से प्यौदा में विश्वविद्यालय खोलने की मांग सरकार से की, लेकिन बाद में मूंदड़ी गांव के लोगों ने अपनी पंचायत के फैसले को चुनौती देते हुए सरकार से गांव मूंदड़ी में विश्वविद्यालय खोलने के बारे में ज्ञापन दिया।
इसके बाद गांव मूंदड़ी में विश्वविद्यालय के भवन निर्माण को लेकर प्रक्रिया शुरू हुई थी। बाद में फिर से जमीन पर विवाद होने के बाद विवि प्रशासन की ओर से गांव पट्टी अफगान के खेल स्टेडियम में इसे स्थापित करने की मांग की गई थी। उस समय भी ग्रामीणों ने पंचायत कर विवि प्रशासन को घेरा था। इसके बाद यहां निर्माण प्रक्रिया में कुछ तेजी आई थी। सरकार की ओर से गांव जटहेड़ी में जमीन देने के प्रस्ताव के बाद अब दोबारा मूंदड़ी से विश्वविद्यालय शिफ्ट होने की चर्चाएं उठने लगी है। इसके बाद ग्रामीण विधायक लीला राम से मिलने पहुंचे।
जल्द ही सीएम से मिलेंगे: विधायक लीला राम
विधायक लीला राम ने बताया कि गांव मूंदड़ी के ग्रामीण उनसे मिले थे। वह ग्रामीणों के साथ हैं। इस बारे में जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलेंगे।
मूंदड़ी में ही स्थापित होगा संस्कृत विश्वविद्यालय
विवि के कुलपति डा. श्रेयांश द्विवेदी ने बताया कि संस्कृत विश्वविद्यालय मुख्य रूप से मूंदड़ी में ही स्थापित होगा। सरकार की तरफ से गांव जटहेड़ी में जमीन दी गई है, लेकिन यहां विवि के शिफ्ट होने की कोई बात नहीं है। विवि को सरकार जमीन प्रदेश में किसी भी स्थान पर अपनी मर्जी से कैबिनेट में पास कर दे सकती हैं।