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डेरा राजपुरी मामले में बढ़ी तकरार, दूसरे पक्ष ने लिया स्टे

जागरण संवाददाता, कैथल : गांव बाबा लदाना स्थित डेरा बाबा राजपुरी की गद्दी को लेकर गांव बाबा लदाना स्थित डेरा बाबा राजपुरी की गद्दी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। चार दिन पहले महंत दूजपुरी के पक्ष में एसडीएम कोर्ट का फैसला आया था, लेकिन प्रशासन कब्जा दिलवाने में नाकाम रहा। अब दूसरे पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए इस मामले में स्टे ले लिया है। इस कारण अब प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लग गई है। आगामी सुनवाई आठ फरवरी को होगी, वहीं दूसरी तरफ महंत दूजपुरी ने हाईकोर्ट में जाने की बात कही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 11:18 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 11:18 PM (IST)
डेरा राजपुरी मामले में बढ़ी तकरार,  दूसरे पक्ष ने लिया स्टे
डेरा राजपुरी मामले में बढ़ी तकरार, दूसरे पक्ष ने लिया स्टे

जागरण संवाददाता, कैथल :

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गांव बाबा लदाना स्थित डेरा बाबा राजपुरी की गद्दी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। चार दिन पहले महंत दूजपुरी के पक्ष में एसडीएम कोर्ट का फैसला आया था, लेकिन प्रशासन कब्जा दिलवाने में नाकाम रहा। अब दूसरे पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए इस मामले में स्टे ले लिया है। इस कारण अब प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लग गई है। आगामी सुनवाई आठ फरवरी को होगी, वहीं दूसरी तरफ महंत दूजपुरी ने हाईकोर्ट में जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि गद्दी सौंपने को लेकर उसके खिलाफ साजिश रची जा रही है। इसमें जिला प्रशासन के कुछ अधिकारी दूसरे पक्ष से मिले हुए हैं। पहले भी वे कुछ अधिकारियों को रिश्वत दे चुके हैं, अब फिर से शीर्ष अधिकारी इसमें शामिल होकर उनसे मोटी रिश्वत मांग रहे हैं। जब रिश्वत देने से मना कर दिया तो उन्हें गद्दी पर कब्जा नहीं दिलवाया जा रहा है। इस साजिश का वे जल्द ही पर्दाफाश करेंगे। रिश्वत मांगने वाले अधिकारियों के आडियो व वीडियो उनके पास हैं।

मेले में इस बार आया

12 लाख का चढ़ावा

महंत ने लघु सचिवालय पहुंचकर प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर रोष जताया। बोले यह धार्मिक डेरा अब राजनीतिक का अखाड़ा बनता जा रहा है, क्योंकि करोड़ों की संपत्ति डेरे की है। जब उन्होंने डेरा छोड़ा है तब से अब तक 80 से 85 पशु बेचे जा चुके हैं। दशहरा पर्व से अगले दिन तक तीन दिनों का मेला लगता है। इस बार मेला प्रशासन की देखरेख में हुआ। हर बार 35 लाख रुपये का चढ़ावा मेले में आता है, लेकिन इस बार मात्र 12 लाख ही आए। वहीं, डेरे की 116 एकड़ जमीन हैं। जहां धान की फसल लगाई हुई थी। फसल से कितनी आमदनी हुई है, इसकी जानकारी भी नहीं दी जा रही है। उसने पता लगाने के लिए आरटीआइ में जानकारी मांगी, लेकिन फिर भी कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। आरोप है कि इस बार चढ़ावे को लेकर 15 से 20 लाख की राशि का गबन किया गया है।

न्याय के लिए बुलाएंगे

साधुओं की महापंचायत

इस मामले को लेकर जुणा अखाड़े के महंत से बात की। उन्होंने कहा कि कानूनी रूप से हम लड़ाई जीत चुके हैं। हमे कानून का पालन करते हुए लड़ाई लड़नी है। अब प्रयागराज में कुंभ मेला चला हुआ है। जैसे ही यह समाप्त होता तो साधुओं की एक महापंचायत बुलाई जाएगी। सभी साधू एकत्रित होकर डेरा में जाएंगे। वहां जो फैसला होगा उस अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।

ये था मामला

ऐतिहासिक डेरा बाबा राजपुरी करीब 500 वर्ष पुराना इतिहास संजोए हुए हैं। अप्रैल 2018 से डेरा में गद्दी को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा है। इस विवाद के चलते गांव में भी तनाव का माहौल है। चार दिन पहले महंत दूजपुरी के पक्ष में फैसला एसडीएम कोर्ट ने दिया था, लेकिन गद्दी दिलवाने में प्रशासन नाकाम रहा। इसके बाद महंत ने चार जनवरी को लघु सचिवालय पहुंचकर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते थे, यहां तक की आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने महंत को गिरफ्तारी करने की धमकी दी। शाम के समय महंत चंडीगढ़ जाने की बात कह वापस लौट गए थे।

सभी आरोप निराधार : डीसी

डीसी धर्मवीर ¨सह ने कहा कि महंत दूजपुरी की तरफ से प्रशासन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। प्रशासन के पास एक-एक पाई का हिसाब है। अगर वे मामले को लेकर हाईकोर्ट जाना चाहें तो जा सकते हैं। प्रशासन की ओर से कल ही ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिए गए थे।


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