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गांवों में 40 बायोगैस प्लांट संयंत्र स्थापित करेगा कृषि विभाग

जिले में राष्ट्रीय जैविक खाद स्कीम के तहत कृषि विभाग की तरफ से 40 बायोगैस प्लांट संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इन पर विभाग की तरफ से कार्य शुरू कर दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य ऑर्गेनिक खेती व धुंआ रहित चूल्हा को बनाना है। विभाग की मंशा है कि गांव में पशुओं के गोबर से गैस बनाकर खाना पकाया जाए और संभव हो तो बिजली भी जलाई जा सके।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 06:32 AM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 06:32 AM (IST)
गांवों में 40 बायोगैस प्लांट संयंत्र  स्थापित करेगा कृषि विभाग
गांवों में 40 बायोगैस प्लांट संयंत्र स्थापित करेगा कृषि विभाग

जागरण संवाददाता, कैथल:

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जिले में राष्ट्रीय जैविक खाद स्कीम के तहत कृषि विभाग की तरफ से 40 बायोगैस प्लांट संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इन पर विभाग की तरफ से कार्य शुरू कर दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य ऑर्गेनिक खेती व धुंआ रहित चूल्हा को बनाना है।

विभाग की मंशा है कि गांव में पशुओं के गोबर से गैस बनाकर खाना पकाया जाए और संभव हो तो बिजली भी जलाई जा सके।

बता दें कि ग्रामीण स्तर के लोगों द्वारा गोबर की उपलब्धता के कारण इसका लोगों द्वारा सदुपयोग किया जा सकता है। गोबर का सदुपयोग उस गोबर का इस्तेमाल करवाने के लिए विभाग ने प्लांट संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।

ग्रामीण स्तर पर पशुओं की संख्या ज्यादा है। गोबर का सही इस्तेमाल हो, इसके लिए विभाग ने प्लांट स्थापित करने की योजना शुरू की है।

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार बायोगैस संयंत्र बनाने में 50 हजार रुपए खर्च आता है। इसके लिए विभाग 12 हजार रुपये अनुदान राशि देता है।

बायोगैस संयंत्र के कई फायदे:सज्जन सिंह

एडीओ सज्जन सिंह ने बताया कि बायोगैस संयंत्र के कई फायदे हैं। इससे प्रदूषण नहीं होता है, बायोगैस उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे पदार्थ गांवों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहते हैं। इनसे सिर्फ बायोगैस का उत्पादन ही नहीं होता, बल्कि फसलों की उपज बढ़ाने के लिए समृद्ध खाद भी मिलती है। बायोगैस धुंआ मुक्त संयंत्र है। यह प्रदूषण को भी नियंत्रित रखता है, क्योंकि इसमें गोबर खुले में पड़े नहीं रहते, जिससे कीटाणु और मच्छर नहीं पनप पाते। बायोगैस के कारण लकड़ी की बचत होती है।

संयंत्र बनवाने यह जरूरी-

गोबर गैस संयंत्र के लिए पांच से अधिक मवेशी हो या 50 किलो गोबर की व्यवस्था हो। इसके अलावा 13 फीट की डोम सहित कुल 25 फीट की जगह होनी चाहिए। इसमें गोबर गैस संयंत्र बनाने के साथ-साथ खाद भी रखने की व्यवस्था हो सके।

14 गैस प्लांट संयंत्रों पर काम शुरू कर दिया है

सहायक कृषि अभियंता पुरुषोत्तम लाल व सहायक परियोजना अधिकारी सर्वेश कुमार ने बताया कि 14 गैस प्लांट संयंत्रों पर काम शुरू कर दिया है। 40 का लक्ष्य रखा गया है। गैस के भाव बढ़ रहे है। ये प्लांट स्थापित कर गांव के लोग गोबर से अच्छा मुनाफा कमा सकते है।


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