शहर में चार नंदीशाला, कोई भी संचालक पशु लेने को तैयार नहीं
शहर में बेसहारा पशुओं की समस्या को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है। प्रशासन की ओर से कई बार विभिन्न अधिकारियों की मीटिग बुलाई गई है।
जागरण संवाददाता, कैथल : शहर में बेसहारा पशुओं की समस्या को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है। प्रशासन की ओर से कई बार विभिन्न अधिकारियों की मीटिग बुलाई गई है। हर बार समस्या का समाधान करने को लेकर विचार-विमर्श होता है, लेकिन समाधान करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। दो साल से पशुओं को नहीं पकड़ा गया है, जिस कारण शहर में पशुओं की संख्या 700 तक पहुंच चुकी है। शहर में करीब चार मुख्य गोशालाएं हैं, लेकिन कोई भी गोशाला संचालक पशु लेने के लिए तैयार नहीं है। नंदीशाला पदाधिकारियों ने पशु लेने के लिए नप से 15 दिन का समय मांगा था जो अब खत्म हो चुका है। पहले चरण में 200 पशुओं को पकड़कर नंदीशाला में भेजना है, लेकिन इसके लिए नंदीशाला पदाधिकारियों से बातचीत करनी होगी। नंदीशाला में 25 लाख रुपये की लागत से शेड का निर्माण कार्य भी किया जा चुका है। ऐसे में अब यहां पशुओं को छोड़ा जा सकता है। जिला प्रशासन की ओर से पशुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जिस कारण पशु कचरे के ढेरों में मुंह मारते हैं। सड़क हादसों में घायल हुए पशुओं के इलाज को लेकर भी कोई प्रबंध नहीं किया गया है।
नंदीशाला पदाधिकारियों से बातचीत जल्द
नगर परिषद के सफाई निरीक्षक प्रदीप कुमार ने बताया कि पशु पकड़ने के लिए गोहाना की एजेंसी को वर्क ऑर्डर जारी किया हुआ है। नंदीशाला में 25 लाख की लागत से शेड निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। जल्द ही नंदीशाला पदाधिकारियों से बातचीत कर अभियान शुरू कर दिया जाएगा।