फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सरकार गंभीर : ढेसी
केंद्र व प्रदेश सरकार फसलों के अवशेषों को जलाने पर अंकुश लगाने के लिए पूर्ण रूप से गंभीर हैं। धान फसल के अवशेष जलाने वाले गांवों की रिपोर्ट हर रोज प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी जाए। धान की फसल की कटाई में प्रयुक्त होने वाली कंबाइन हार्वेस्टर के साथ एसएमएस अर्थात सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाना अनिवार्य है।
जागरण संवाददाता, कैथल: केंद्र व प्रदेश सरकार फसलों के अवशेषों को जलाने पर अंकुश लगाने के लिए पूर्ण रूप से गंभीर हैं। धान फसल के अवशेष जलाने वाले गांवों की रिपोर्ट हर रोज प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी जाए। धान की फसल की कटाई में प्रयुक्त होने वाली कंबाइन हार्वेस्टर के साथ एसएमएस अर्थात सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाना अनिवार्य है। यदि इन कंबाईन हार्वेस्टरों के साथ एसएमएस नही लगा होगा तो उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह दिशा-निर्देश प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत स्थापित किए गए कस्टम हाय¨रग सेंटरों की बिल प्राप्ति, भौतिक सत्यापन तथा जारी की गई अनुदान राशि की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को दिए।
उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम 22 सितंबर से 15 अक्टूबर तक गत दो वर्षों में सबसे ज्यादा फसल अवशेषों को आग लगाने वाले चिन्हित किए गए गांवों तथा कस्टम हाय¨रग सेंटर स्थापित किए गए गांवों का दौरा करके लोगों को फसल अवशेष न जलाने तथा फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्रों का उपयोग करने बारे जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि उपमंडलाधीश अपने उपमंडल में गत 2 वर्षों में लगातार ज्यादा फसल अवशेष जलाने वाले चिन्हित किए गए 30 गांवों में जाकर पंचायत व आम लोगों को यह समझाएंगे कि वे पर्यावरण को संरक्षित रखने तथा भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए धान की फसल के अवशेष न जलाएं। प्रदेश भर में इससे पूर्व 900 कस्टम हाय¨रग सेंटर स्थापित किए जाने थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 1230 हो गई है। उन्होंने किसानों को फसल अवशेष न जलाने बारे जागरूक करने के लिए विभिन्न जिलों में लगाए गए फ्लैक्स व वितरित की गई प्रचार सामग्री की भी समीक्षा की। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक डीके बहरा ने कहा कि फसल अवशेष जलाने पर निगरानी रखने तथा किसानों को फसल अवशेष न जलाने बारे जागरूक करने के लिए 5 हजार किसान मित्र भी सक्षम के रूप में तैनात किए गए हैं।
डीसी धर्मवीर ¨सह ने कहा कि जिला में 112 कस्टम हाय¨रग सेंटर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से सभी के बिल प्राप्त हो चुके हैं तथा 111 सेंटरों का भौतिक सत्यापन करते हुए 110 सेंटरों को 9 करोड़ 29 लाख 24 हजार रुपये की अनुदान राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि संशोधित लक्ष्यों के अनुसार जिला में 140 कस्टम हाय¨रग सेंटर स्थापित करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रतीक्षा सूची में रखे गए सेंटरों को पत्र जारी किए गए हैं। जिला में 393 व्यक्तिगत कृषि यंत्रों के लक्ष्यों में से 228 व्यक्तियों द्वारा मशीन खरीदने के आर्डर दिए गए थे, जिनमें से 188 का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है। जिला में किसानों को जागरूक करने के लिए 936 फ्लैक्स विभिन्न स्थलों पर लगाए गए हैं तथा 40 हजार पंफलेंट भी किसानों में वितरित किए जा चुके हैं। इस मौके पर कृषि उपनिदेशक डॉ.महावीर ¨सह के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।