सुबह छाई रही घनी धुंध, वाहन चालकों को हो रही परेशानी
सुबह धुंध व दोपहर को धूप निकलने से गेहूं की फसल पर पीलापन दिखाई देना शुरू हो गया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि सुबह धुंध व दोपहर को धूप निकलने से गेहूं के पत्ते पीले होने लग जाते है। इसलिए किसान अपनी फसल की विशेष ध्यान रखे। किसी प्रकार की बीमारी आने पर तुरंत कृषि विभाग के डाक्टरों से संपर्क करे। वहीं पिछले पांच दिनों से सुबह के समय घनी धुंध छा रही है।
जागरण संवाददाता, कैथल: सुबह धुंध व दोपहर को धूप निकलने से गेहूं की फसल पर पीलापन दिखाई देना शुरू हो गया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि सुबह धुंध व दोपहर को धूप निकलने से गेहूं के पत्ते पीले होने लग जाते है। इसलिए किसान अपनी फसल की विशेष ध्यान रखे। किसी प्रकार की बीमारी आने पर तुरंत कृषि विभाग के डाक्टरों से संपर्क करे।
वहीं पिछले पांच दिनों से सुबह के समय घनी धुंध छा रही है। इससे वाहन चालकों को वाहन चलाने में परेशानी हो रही है। दिन में धूप निकलने से मौसम साफ रहता है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगले एक सप्ताह तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। इस मौसम से आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। शनिवार को अधिकतम तापमान 23 व न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस रहा।
गांव-गांव जाकर मानीटरिग करने के निर्देश
फसलों की देखरेख के लिए ग्राम, ब्लाक और जिला स्तर पर प्रत्येक दिन गांव- गांव जाकर कृषि विभाग के अधिकारियों से मॉनीटरिग करने के निर्देश दिए हैं। कृषि उपमंडल अधिकारी सतीश नारा ने बताया कि मौसम बदलने के साथ गेहूं में पीला रतुआ बीमारी आने का खतरा रहता है। इसके लिए विभाग अलर्ट हो गया है। विभाग की तरफ से मॉनीटरिग के लिए ग्राम, ब्लाक और जिला स्तर पर टीमों का गठन कर लिया गया है। गठित टीमों खेतों में जाकर फसलों की निगरानी रखेगी।
वहीं किसी किसान को गेहूं में पीलापन दिखाई दे तो तुरंत कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना दे। गेहूं में प्रॉपीकोनेजोल 25ईसी, 500 एमएल प्रति हेक्टेयर की दर से घोल बनाकर फसल में छिड़काव कर नियंत्रण किया जा सकता है।
पीला रतुआ बीमारी में गेहूं की पत्तियां पीले होने लग जाती हैं। इससे पैदावार पर असर पड़ सकता है। फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
बुखार व खांसी होने की सबसे ज्यादा समस्या रहती
बाल रोग विशेषज्ञ अनिल अग्रवाल ने बताया कि इस मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान रखे। सुबह के समय बच्चों को के सिर पर कपड़ा रखे। इस समय बुखार व खासी होने की सबसे ज्यादा समस्या रहती है। नंगे पांव बाहर न निकले।