नगर परिषद में टेंडर नहीं लगने से अटके 15 करोड़ के विकास कार्य
नगर परिषद की ओर से शहर में होने वाले विकास कार्यों को लेकर टेंडर नहीं लगाए जा रहे हैं। नप अधिकारियों की लापरवाही पार्षदों और शहर के लोगों पर भारी पड़ रही है। करीब एक महीने से अधिकारी टेंडर लगाने वाली वेबसाइट में तकनीकी कमी का बहाना लगाकर काम से बच रहे हैं। शहर में करीब 15 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को लेकर टेंडर लगाए जाने हैं। पालिका अभियंता को ज्वाइन किए हुए भी एक महीने से ज्यादा का समय हो चुका है।
जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद की ओर से शहर में होने वाले विकास कार्यों को लेकर टेंडर नहीं लगाए जा रहे हैं। नप अधिकारियों की लापरवाही पार्षदों और शहर के लोगों पर भारी पड़ रही है। करीब एक महीने से अधिकारी टेंडर लगाने वाली वेबसाइट में तकनीकी कमी का बहाना लगाकर काम से बच रहे हैं। शहर में करीब 15 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को लेकर टेंडर लगाए जाने हैं। पालिका अभियंता को ज्वाइन किए हुए भी एक महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। करीब चार माह बाद नप को पालिका अभियंता मिला था, लेकिन उसके बाद भी स्थिति वही है। करीब एक साल से नप की ओर से कोई भी नया टेंडर नहीं लगाया गया है। साढ़े दस करोड़ रुपये के टेंडर वार्डों में विकास कार्यों को लेकर लगाए जाने हैं। इनमें वार्डों में नई गलियां, रिपेयर व अन्य कार्य होने हैं। 28 लाख रुपये की नई जेसीबी मशीन खरीदने के लिए टेंडर लगाया जाना है।
तीन करोड़ रुपये से लगनी हैं स्ट्रीट लाइटें
नगर परिषद की ओर से शहर के 31 वार्डों में डेढ़ करोड़ रुपये की नई एलइडी स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी हैं। करनाल रोड, ढांड रोड और अंबाला रोड के डिवाइडरों पर डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से नई स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी हैं। नई लाइटों को लेकर टेंडर नहीं लग पा रहे हैं। इसके अलावा रात की सफाई को लेकर साल का करीब एक करोड़ रुपये का टेंडर लगाया जाना है। 31 जनवरी को रात की सफाई का टेंडर खत्म हो रहा है। अभी तक भी नया टेंडर नहीं लगा है। ऐसे में करीब एक महीने का समय नया टेंडर लगाने और एजेंसी को कार्य सौंपने में लग सकता है। 31 जनवरी को टेंडर खत्म हो जाएगा और ऐसे में रात को होने वाली सफाई प्रभावित हो जाएगी। नगर परिषद के एक्सईएन सुरेंद्र सिंह ने बताया कि टेंडर लगाने वाली वेबसाइट में फेरबदल हुआ है। पहले ठेकेदार ड्राफ्ट से पेमेंट करते थे। अब यह पेमेंट ऑनलाइन की जानी है। इसके लिए नप की ओर से एसबीआइ बैंक में खाता भी खुलवा लिया गया है। उम्मीद है जल्द ही वेबसाइट की तकनीकी खामियां दूर हो जाएंगी और टेंडर लगा दिए जाएंगे।
नगर परिषद की चेयरपर्सन सीमा कश्यप ने बताया कि टेंडर क्यों नहीं लगाए जा रहे हैं इस बारे में बुधवार को नप अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। टेंडर लगाने की वेबसाइट में जो भी तकनीकी खामी है उसे जल्द से जल्द दूर करवाने के निर्देश अधिकारियों को दिए जाएंगे।