सरकारी पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल डालने में की जा रही गड़बड़ी के खिलाफ किसानों ने किया प्रदर्शन
गन्ने के रेटों में बढ़ोतरी नहीं होने व सरकारी पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल डालने में की जा रही गड़बड़ी को लेकर किसानों ने लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया। इसकी अध्यक्षता प्रदेश युवा प्रमुख गुलतान सिंह नैन ने की।
जागरण संवाददाता, कैथल: गन्ने के रेटों में बढ़ोतरी नहीं होने व सरकारी पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल डालने में की जा रही गड़बड़ी को लेकर किसानों ने लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया। इसकी अध्यक्षता प्रदेश युवा प्रमुख गुलतान सिंह नैन ने की। वहीं मांगों का ज्ञापन भारतीय किसान संघ ने एसडीएम को सीएम व डीसी के नाम सौंपा। किसानों ने पेट्रोल डालने में गड़बड़ी करने वालों की जांच की मांग रखी। किसानों ने कहा कि सरकारी पेट्रोल पंपों पर गड़बड़ी की जा रही है। इसकी जांच करके पंप मालिकों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी की मांग को लेकर कई बार भारतीय किसान संघ मांग कर चुका है।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मात्र 30 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। जबकि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 2004-05 में 117 रुपये प्रति क्विंटल से 2013-114 में 310 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का भाव कर दिया था। 193 रुपये भाव बढ़ाया गया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने पिछले छह वर्षों में 30 रुपये ही बढ़ाया। ऐसे में किसानों की आमदनी दोगुना कैसे होगी। वर्तमान सरकार ने पिछले छह वर्षों में 340 रुपये प्रति क्विंटल भाव रखा। यह किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है। किसान को गन्ने का भाव 400 रुपये प्रति क्विटल दिया जाए। जल्द ही गन्ने के रेट में वृद्धि नहीं की गई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जिसकी शुरूआत कैथल से होगी।
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पेट्रोल पंप में गड़बड़ी करने वालों पर हो केस दर्ज
किसान गुल्तान सिंह नैन ने कहा कि लंबे समय से शुगर मिल कैथल व कोयल कांप्लेक्स पेट्रोल पंप की शिकायतें आ रही है। दोनों ही पंपों पर डीजल व पेट्रोल कम दिया जा रहा है और रेट पूरा वसूल किया जाता है। इससे पहले शुगर मिल कैथल की लिखित में शिकायत दे चुके हैं। पंपों पर वीरवार ने शुगर मिल पंप व कोयल कांप्लेक्स पंप पर लगी मशीनों में गड़बड़ी मिली। पांच लीटर में 30 एमएल तेल कम डाला जा रहा था। इस प्रकार पेट्रोल पंपों पर 12 हजार लीटर में 72 लीटर पेट्रोल की गड़बड़ की जा रही थी। कमेटी बनाकर जांच करवाई जाए और एक गाड़ी 72 लीटर तेल की गड़बड़ करके जो रुपये बचते वो किसकी जेब में जा रहे थे, इसकी भी जांच हो।केस दर्ज करवाया जाए। किसानों ने कहा कि शुगर मिल में 2017-18 में चिप घोटाला पकड़ा गया था उस मामले में भी कानूनी कार्रवाई की जाए।