सड़कों पर उतरे किसान, एनएच सहित 26 जगहों पर लगाया जाम
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भारत बंद के आह्वान पर कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारी किसानों ने सड़कों पर उतर कर जाम लगाया। इस दौरान किसान सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक सड़कों पर बैठे रहे।
जागरण संवाददाता, कैथल: संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भारत बंद के आह्वान पर कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारी किसानों ने सड़कों पर उतर कर जाम लगाया। इस दौरान किसान सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक सड़कों पर बैठे रहे। जिले में अंबाला-हिसार हाईवे पर स्थित तितरम मोड़ प्रदर्शन का मुख्य केंद्र रहा। यहां पर प्रदर्शनकारी किसानों ने सुबह आठ बजे ही ट्रैक्टर-ट्राली सड़क के बीच खड़ी कर दी। इसके अलावा 25 अन्य स्थानों पर भी जाम लगाया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इसके अलावा जींद-कैथल मार्ग पर गांव तारागढ़ में किसानों ने सड़क पर बुग्गी और तख्त रख कर जाम लगा दिया। जाम के कारण दिनभर लोग परेशान रहे और लिक मार्गों से जाते दिखे। वहीं, यातायात सुचारू रखने के लिए पुलिस ने ट्रैफिक को लिक रोड से डायवर्ट किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता भाकियू के जिला प्रधान होशियार व विक्रम कसाना ने की।
इन लोगों को दिया रास्ता-
जाम के दौरान एंबुलेंस, शोक व्यक्त करने वाले लोगों व परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को रास्ता दिया गया है। रोडवेज डिपो की बसें नहीं चली। यात्री भी बस स्टैंड पर दिखाई नहीं दिए।
यहां से रूट किया डायवर्ट
जगह- जगह जाम लगने की सूचना के बाद पुलिस ने रूटों को डायवर्ट कर दिया। जिस कारण वाहन ज्यादा चालक जाम में नहीं फंसे। तितरम मोड़ की तरफ जाने वाले वाहनों को पुलिस ने गांव प्यौदा की तरफ से डायवर्ट किया, जबकि जींद व हिसार की तरफ से आने वाले वाहनों को प्यौदा-तितरम लिक मार्ग से डायवर्ट किया।
एसडीएम व डीएसपी कुलवंत सिंह रहे तैनात
किसानों के प्रदर्शन के बीच ड्यूटी मजिस्ट्रेट एसडीएम संजय, नायब तहसीलदार ईश्वर सिंह व डीएसपी कुलवंत सिंह मुस्तैदी से एनएच पर तैनात रहे। 800 पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। स्वास्थ्य विभाग व दमकल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारी भी मौका स्थल पर रहे। एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को प्रशासन ने तैनात रखा।
सामाजिक लोगों ने दिया समर्थन-
विभिन्न सामाजिक लोगों ने प्रदर्शन स्थलों पर पहुंचकर समर्थन दिया। पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा, बिल्लू चंदाना, राजेंद्र कुमार व भरत सिंह बैनीवाल सहित कई सामाजिक लोग पहुंचे। उन्होंने कहा कि काफी समय से किसान केवल संघर्ष करता आ रहा है, लेकिन उसे उसकी फसलों के दाम लागत के आधार पर नहीं मिल रहे है। जब भी किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते है सरकार किसानों के आंदोलन को दबा देती है, लेकिन इस बार किसान आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है।