किसान फसल बीमा योजना के तहत 31 दिसंबर तक करवा सकते हैं बीमा: डीसी प्रदीप दहिया
कैथल (वि) उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक महत्वकांक्षी योजना है
कैथल (वि): उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक महत्वकांक्षी योजना है। केंद्र सरकार की यह योजना कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से लागू की गई है। जिला कैथल में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आफ इंडिया द्वारा संचालित किया जा रहा है। सरकार द्वारा इस योजना को स्वैच्छिक कर दिया गया है। उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब गेहूं, सरसों, जौ चना, सूरजमुखी का बीमा किया जा रहा है और इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर निर्धारित की गई है। ज्यादातर किसानों के बीमा के पैसे बैंक में करवाई लिमिट के आधार पर कट जाते हैं, लेकिन जो किसान बीमा नहीं करवाना चाहते हैं वे किसान अंतिम तिथि 31 दिसंबर से एक हफ्ते पहले यानि 24 दिसंबर से पहले अपने बैंक में जहां लिमिट (कृषि लोन) करवाया हुआ है, वहां लिखित में दें कि वे रबी की फसलों का बीमा नहीं करवाना चाहते। अगर आप बीमा करवाना चाहते हैं, वो 24 दिसंबर के बाद आटोमेटिक प्रीमियम कट जाएगा। उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल के लिए प्रीमियम राशि 409.50 रुपये, जौ के लिए 267.75 रुपये, सरसों के लिए 275.63 रुपये, चना के लिए 204.75 रुपये और सूरजमुखी की फसल के लिए 267.75 रुपये प्रति एकड़ है। सभी अऋणी किसान बैंक शाखा, कामन सर्विस सेंटर या सीधा पोर्टल के माध्यम से फसल बीमा करवा सकते हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. कर्मचंद ने बताया कि यदि किसानों ने पिछली साल की फसल की जगह अन्य फसल लगाई है। उदाहरण के लिए जैसे अब गेहूं की जगह सरसों या चना लगाया है तो उस फसल के बारे में लिखित में बैंक को देना पड़ेगा और वो भी 24 दिसंबर से पहले ताकि उसी फसल का बीमा किया जा सके। प्राय: देखने मे आया है कि फसल में नुकसान होने के बाद किसान कृषि विभाग में बीमा क्लेम की आवेदन लेकर आते हैं, फिर इसका सर्वे किया जाता है। उसके बाद पता चलता है कि बीमा किसी और फसल का हुआ है। बीमा करवाने से पहले किसान इन सब बातों का ध्यान जरूर रखें।