किसानों को नहीं मिल रहा केसीसी में सब्सिडी का लाभ
गांव पाई के एक किसान ने बैंक अधिकारियों पर किसान क्रेडिट कार्ड में मिलने वाली सब्सिडी में हेरा-फेरी करने के आरोप लगाए हैं। पाई निवासी दलबीर सिंह ने बताया कि उसका खाता स्टेट बैंक आफ इंडिया की शाखा पाई में है।
संवाद सहयोगी, पूंडरी : गांव पाई के एक किसान ने बैंक अधिकारियों पर किसान क्रेडिट कार्ड में मिलने वाली सब्सिडी में हेरा-फेरी करने के आरोप लगाए हैं। पाई निवासी दलबीर सिंह ने बताया कि उसका खाता स्टेट बैंक आफ इंडिया की शाखा पाई में है। उसने मई 2014 में दो लाख 10 हजार की केसीसी बनवाई थी, जोकि बाद में दो लाख 56 हजार की बन गई। सरकार के नियमानुसार तीन प्रतिशत सब्सिडी मिलनी चाहिए थी। किसान का आरोप है कि पाई स्थित स्टेट बैंक की इस शाखा ने पूरी सब्सिडी न देकर उसके साथ 37520 रुपये की हेरा-फेरी की है। इसकी शिकायत उसने उच्चाधिकारियों को भी कर दी है। दलबीर का आरोप है कि सबसे पहले इंस्पेक्शन चार्ज के रूप में 16 मार्च 2017 में 690 रुपये, 16 मार्च 2018 में 830 रुपये 72 पैसे और 16 मार्च 2019 को 830 रुपये 70 पैसे की राशि काट ली। उसके बाद 29 अगस्त 2020 में फिर से 2017-18-19 का इंस्पेक्शन चार्ज 830 रुपये फिर से जोड़ दिया गया। इसके अलावा 30 नवंबर 2019 को दो लाख 56 हजार रुपये पर सात प्रतिशत ब्याज 15540 रुपये वसूला गया। बिना कारण 129 रुपये डीडी कैप भी वसूला गया, जबकि ब्याज 8800 रुपये बनता है। किसान का कहना है कि उससे 6869 रुपये ज्यादा वसूले गए। पूछताछ करने पर 2170 और 529 वापस कर दिए गए, लेकिन 4170 रुपये फिर भी ज्यादा वसूले गए।
किसानों से हो रहा धोखा
दलबीर ने बताया कि उसने बैंक की इस हेरा-फेरी के बारे में बैकिग लोकपाल औैर चंडीगढ़ स्थित बैंक के अन्य अधिकारियों के पास भी आरटीआइ लगाई है। किसी ने भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया। किसान दलबीर का कहना है कि ऐसा केवल उसके साथ ही नहीं, बल्कि अन्य कई किसानों के साथ भी हुआ है। हिसाब किताब न होने के चलते किसान अपने साथ हो रहे धोखे से अंजान है। सही तरीके से इस मामले की जांच की जाए तो इसमें बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। इस बारे में जब बैंक का पक्ष लेने के लिए मैनेजर राजेश चौधरी के मोबाईल पर फोन किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।