मेरी फसल मेरा ब्योरा में पंजीकरण न होने पर किसानों ने किया प्रदर्शन
एक तरफ किसान जहां तीन कृषि कानूनो को लेकर आंदोलनरत है वहीं सरकार की दोगली नीतियों के कारण भी परेशान है। किसानों ने हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर मांगी जारी सूचनाओं का विरोध करते हुए मार्किट कमेटी चीका के सामने इकट्ठे होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : एक तरफ किसान जहां तीन कृषि कानूनो को लेकर आंदोलनरत है, वहीं सरकार की दोगली नीतियों के कारण भी परेशान है। किसानों ने हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर मांगी जारी सूचनाओं का विरोध करते हुए मार्किट कमेटी चीका के सामने इकट्ठे होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसका नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के हलका प्रधान हरदीप बदसूई ने किया। बदसूई ने कहा कि हरियाणा सरकार दोगली नीति अपना रही है एक तरफ तो यह कानून पास करती है कि किसान अपनी फसल कही भी बेच सकता है वहीं दूसरी ओर मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जब किसान अपना डाटा अपलोड करते है तो उसमें आवश्यक किया गया है कि यदि किसान हरियाणा की बजाए किसी अन्य राज्य में रहता है बेशक उसकी जमीन हरियाणा में हो परंतु आधार कार्ड पंजाब का होने के कारण उनका मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण नही हो पाता है। जिस कारण उन्हें अपनी फसल बेचने के कारण फसल बेचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
बाक्स-मार्किट कमेट के अधिकारी नहीं कर रहे पंजीकरण
किसानों का कहना है कि जब मार्किट कमेटी,चीका में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पंजीकरण करवाने जाते है, तो मार्किट कमेटी के अधिकारी मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण नहीं करते। किसानों ने आरोप लगाया कि जब वह अधिकारियों से पूछते है तो वह कहते है कि अभी ऊपर से मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर किसानों का पंजीकरण करने के कोई आदेश नहीं मिले है, जबकि 16 जनवरी से मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल चालू हो चुका है। उन्होंने कहा कि वह सीएससी सेंटर पर जाकर अपना पंजीकरण करवाते है तो पंजीकरण करवाने की फीस देने पड़ती है।
वर्जन :फैमिली आइडी जरूरी है
मार्किट कमेटी सचिव राजकुमार ने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर हरियाणा सरकार द्वारा फैमिली आइडी जरूरी कर दी है। जिस भी किसान ने अपनी फैमिली आईडी बनवा ली है, तो उस किसान का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर हो रहा है। जिस भी किसान ने यह आइडी नहीं बनवाई उसी किसान को यह दिक्कत आ रही है। उनका कहना है कि इसके साथ-साथ किसानों को जो कागजात अनिवार्य है वह लाने भी जरूरी है। जैसे की जमीन फर्द, बैंक की पूरी जानकारी और आढ़ती का नाम होना जरूरी है। ---------