कपास की खेती के लिए किसान अपनाएं वैज्ञानिक विधि : डा. कर्मचंद
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. कर्मचंद ने किसानों को कपास की खेती के लिए वैज्ञानिक विधि अपनाने की सलाह दी।
जागरण संवाददाता, कैथल: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. कर्मचंद ने किसानों को कपास की खेती के लिए वैज्ञानिक विधि अपनाने की सलाह दी। खरीफ की नकदी फसलों में कपास का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश में कपास की प्रति एकड़ औसत पैदावार देश की प्रति हेक्टेयर औसत पैदावार से लगभग तीन गुणा है। किसान उन्नत कृषि क्रियाएं अपना कर 10-12 क्विटल प्रति एकड़ तक पैदावार ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में लगभग 18 हजार एकड़ में कपास की खेती की जा रही है। इसकी अधिकतम पैदावार लेने के लिए कपास की खेती को वैज्ञानिक विधि से करने की आवश्यकता है। इसके लिए सर्वप्रथम मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करनी चाहिए। प्रत्येक जुताई के बाद खेत में सुहागा लगाएं। कीट प्रबंधन जून माह में कपास की फसल में थ्रिप्स या चूरड़ा का प्रकोप देखा जाता है। थ्रिप्स की संख्या 10 या अधिक प्रति पत्ता पहुंचने पर ही सिफारिश किए गए कीटनाशकों का प्रयोग करें।
नियमों की अवहेलना करने पर काटे 195 लोगों के चालान
जासं, कैथल : सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क लगाए घूमने वालों और यातायात नियमों का पालन ना करने वालों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस की तरफ से कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने बिना मास्क लगाए घूम रहे 67 और यातायात नियमों का पालन ना करने पर 128 लोगों सहित कुल 195 चालान किए हैं। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि एसपी लोकेंद्र सिंह ने निर्देश दिए हुए हैं कि नियमों का पालन ना करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कोरोना संक्रमण का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में मुंह पर मास्क लगाना और दो गज दूरी नियम का पालन करना जरूरी है। यातायात नियमों का पालन करना भी अनिवार्य है। ऐसा ना करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।