एक देसी गाय से 30 एकड़ में प्राकृतिक खेती कर सकता किसान : आचार्य देवव्रत
दीनबंधु फाउंडेशन की ओर से प्राकृतिक खेती और नशामुक्ति को लेकर रोहेड़ा गांव में जागरूकता सम्मेलन आयोजित किया गया। उसमें मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत रहे और अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष सुरेंद्र ढुल ने की।
संवाद सहयोगी, राजौंद : दीनबंधु फाउंडेशन की ओर से प्राकृतिक खेती और नशामुक्ति को लेकर रोहेड़ा गांव में जागरूकता सम्मेलन आयोजित किया गया। उसमें मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत रहे और अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष सुरेंद्र ढुल ने की। कार्यक्रम में पुलवामा में शहीद हुए जवानों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। उसके बाद प्राकृतिक खेती एवं नशा मुक्ति सम्मेलन की शुरुआत हुई। श्रद्धांजलि सभा से पूर्व सैकड़ों युवाओं के मोटरसाइकिल जत्थे को हरियाणा विकास निगम के चेयरमैन अरुण सर्राफ, सुरेंद्र ढुल और नगरपालिका चेयरपर्सन गुड्डी राणा ने झंडी देकर रवाना किया। युवाओं ने वंदे मातरम और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। झंडा लहराकर राष्ट्रीय एकता का परिचय दिया।
जहरमुक्त खेती करने की सलाह
आचार्य देवव्रत ने ग्रामीणों को जहरमुक्त शून्य लागत प्राकृतिक खेती अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह खेती अपनाने से खेती पर होने वाली लागत समाप्त हो जाती है तथा उत्पादन भी पूरा प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि एक किसान अपने घर पर एक देसी गाय पाल कर 30 एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती कर सकता है। गाय के एक ग्राम गोबर में तीन सौ करोड़ से अधिक जीवाणु पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह खेती अपनाने से पर्यावरण शुद्ध रहेगा, खाद्यान भी शुद्ध होंगे, भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, खेती की लागत कम होगी, भूमिगत जल स्तर में वृद्धि होगी, स्वास्थ्य ठीक होगा तथा किसान की आमदनी भी दो गुना होगी। इस अवसर पर हरदीप आंधली, राजेंद्र, बंसी लाल, परमवीर, दिलबाग, विरेंद्र छौत, नरेंद्र जुलानी खेड़ा, रत्?न जाखौली, सुखबीर व नीरज कुंडू मौजूद थे। बॉक्स
कचरे की गाड़ी पर तिरंगा लगाने पर जताई नाराजगी
आयोजकों की तरफ से यात्रा निकलते समय कचरे की गाड़ियों पर तिरंगा लगाया दिया। इसे लेकर लोगों ने नाराजगी जताई। कहा कि कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों पर देश का राष्ट्र ध्वज लगाना तिरंगे का अपमान करना है। लोगों को किसी भी प्रकार के आयोजन से पहले ऐसे कार्य से बचना चाहिए, जिससे देश का आस्था और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचे। अपनी राजनीति चमकाने के लिए ऐसा करना गलत है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर लोगों ने रोष जताया।