Move to Jagran APP

व्यापारियों को उम्मीद बजट में कम होगीं जीएसटी की दरें

एक फरवरी को केंद्र सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले आम बजट में ऑटोमोबाइल के व्यापारियों को भी काफी अपेक्षाएं हैं। ऑटोमोबाइल के सेक्टर में व्यापारियों को बजट से जीएसटी टैक्स कम दाम होने की उम्मीदें है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 09:21 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 09:21 AM (IST)
व्यापारियों को उम्मीद बजट में कम होगीं जीएसटी की दरें
व्यापारियों को उम्मीद बजट में कम होगीं जीएसटी की दरें

जागरण संवाददाता, कैथल :

loksabha election banner

एक फरवरी को केंद्र सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले आम बजट में ऑटोमोबाइल के व्यापारियों को भी काफी अपेक्षाएं हैं। ऑटोमोबाइल के सेक्टर में व्यापारियों को बजट से जीएसटी टैक्स कम दाम होने की उम्मीदें है। ऑटोमोबाइल के व्यापारियों का कहना है कि अप्रैल महीने से बीएस चार टेक्नोलॉजी बंद होकर बीएस सिक्स टेक्नोलॉजी के वाहन आ रहे हैं। ऐसे में दाम बढ़ने की संभावनाएं अधिक है। यदि सरकार आम बजट में ऑटोमोबाइल सेक्टर में जीएसटी टैक्स को कम करती है तो ऑटोमोबाइल के व्यापारियों को राहत मिलेगी। इसलिए केंद्र सरकार टैक्स कम करने को लेकर बजट में कोई प्रावधान करें।

जीएसटी टैक्स हो कम :

भारत टीवीएस के प्रबंधक गुरचरण सिंह ने बताया कि पिछले कई महीनों से जीएसटी अधिक होने के कारण दो पहिया वाहनों की मार्केट नीचे गिरी है। क्योंकि यदि कोई दो पहिया वाहन लेता है तो उसे 28 प्रतिशत तक टैक्स देना पड़ता है। अब अप्रैल महीने से बीएस 4 बंद होने जा रही है। अप्रैल के बाद बीएस 6 टेक्नोलॉजी आ रही है। जिससे दाम और अधिक बढ़ने की संभावना है, ऐसे में केंद्र की सरकार बजट में ऑटोमोबाइल के सेक्टर में जीएसटी टैक्स कम करे।

दाम करने का हो बजट में प्रावधान

कैथल होंडा के प्रबंधक रवि जेटली ने कहा कि पिछले कई महीने पहले दो पहिया वाहनों की दामों में गुणवत्ता के आधार पर 10 से 12 प्रतिशत तक दाम बढ़ गए हैं। जिस कारण दो पहिया वाहनों की बिक्री भी कम हुई है। सरकार को दो पहिया वाहनों के दाम को कम करने के लिए बजट में विशेष प्रावधान करना चाहिए, जिससे सेल बढ़ सके और ऑटोमोबाइल के व्यापारियों को राहत मिल सके।

रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया हो सरल

लिजेंड होंडा के महाप्रबंधक ललित तनेजा ने बताया कि चार पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरकार को प्रावधान किया जाना चाहिए। वर्तमान में सभी जगहों पर रजिस्ट्रेशन की फीस अलग अलग है। इसके साथ ही नई कार खरीदने पर 28 से 45 प्रतिशत तक टैक्स लिया जाता है। इसे कम किया जाना चाहिए। प्रदेश में जीएसटी टैक्स के ऊपर राज्य की सरकार की ओर से अलग टैक्स लिया जाता है, जबकि अन्य राज्यों में ऐसा नहीं है, वहां पर केवल जीएसटी टैक्स ही लिया जाता है। भारत में टैक्स के ऊपर टैक्स नहीं लिया जाता है, लेकिन टैक्स के ऊपर टैक्स राज्य सरकार ले रही है। इसको लेकर बजट में प्रावधान किया जाना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.