छह माह बाद भी नहीं मिले किसानों को गेहूं की पेमेंट
प्रदेश सरकार द्वारा आढ़तियों से वसूला गया ब्याज की राशि रोकने से आढ़तियों और किसानों में रोष है।
संवाद सहयोगी, पाई: प्रदेश सरकार द्वारा आढ़तियों से वसूला गया ब्याज की राशि रोकने से आढ़तियों और किसानों में रोष है। पाई अनाज मंडी के पूर्व प्रधान रणधीर सिंह फौजी, सत नारायण, राम कुमार ने बताया कि पिछले गेहूं के सीजन में जिन आढ़तियों ने सहमति पत्र नहीं भरे थे और उन्होंने अपने किसानों को उनकी गेहूं की फसल की अदायगी सीधे रूप से की थी।
आढ़तियों से यह अदायगी सरकारी छुट्टियों के कारण में 72 घंटे से ज्यादा देरी हो गई थी तो सरकार द्वारा किसानों को इस देरी का ब्याज देने के लिए आढ़तियों की आढ़त के भुगतान में से काट लिया था। पूरे प्रदेश में ब्याज की यह राशि कई सौ करोड़ की बनती है। यह राशि सरकार के द्वारा अभी तक रोकी हुई है। इसका भुगतान न तो किसानों के खाते में किया गया और न ही आढ़तियों को वापस किया गया। सरकार के पास इस मोटी राशि को लगभग पांच से छह माह हो गए है। उन्होंने इस राशि को ब्याज सहित वापस करने की मांग की है।
किसान सुनील सिसमौर, बलराज कोटड़ा, रामफल पाई, वेदपाल पाई से जाना गया तो उन्होंने इंकार करते हुए बताया कि सरकार ने आढ़तियों से यह ब्याज गलत काटा है। किसान यूनियन के राष्ट्रीय सलाहकार अजीत सिंह हाबड़ी ने कहा कि सरकार के द्वारा किसानों व आढ़तियों के साथ धोखा किया है।
वर्जन- आढ़ती पोर्टल पर अपलोड़ करे सहमति पत्र
डीएफएससी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आढ़ती अपनी राशि काट कर किसानों की बकाया राशि 72 घंटे में दे सकता है। डीएम हैफेड सुरेश कुमार ने बताया कि आढ़ती बिना सहमति पत्र के किसान से अपना ऋण नहीं ले सकता। आढ़ती पोर्टल पर सहमति पत्र अपलोड करें व उसके बाद अपना ऋण काट कर 72 घंटे में भुगतान कर सकता है।