Move to Jagran APP

छह माह बाद भी नहीं मिले किसानों को गेहूं की पेमेंट

प्रदेश सरकार द्वारा आढ़तियों से वसूला गया ब्याज की राशि रोकने से आढ़तियों और किसानों में रोष है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 06:21 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 06:21 AM (IST)
छह माह बाद भी नहीं मिले  किसानों को गेहूं की पेमेंट
छह माह बाद भी नहीं मिले किसानों को गेहूं की पेमेंट

संवाद सहयोगी, पाई: प्रदेश सरकार द्वारा आढ़तियों से वसूला गया ब्याज की राशि रोकने से आढ़तियों और किसानों में रोष है। पाई अनाज मंडी के पूर्व प्रधान रणधीर सिंह फौजी, सत नारायण, राम कुमार ने बताया कि पिछले गेहूं के सीजन में जिन आढ़तियों ने सहमति पत्र नहीं भरे थे और उन्होंने अपने किसानों को उनकी गेहूं की फसल की अदायगी सीधे रूप से की थी।

prime article banner

आढ़तियों से यह अदायगी सरकारी छुट्टियों के कारण में 72 घंटे से ज्यादा देरी हो गई थी तो सरकार द्वारा किसानों को इस देरी का ब्याज देने के लिए आढ़तियों की आढ़त के भुगतान में से काट लिया था। पूरे प्रदेश में ब्याज की यह राशि कई सौ करोड़ की बनती है। यह राशि सरकार के द्वारा अभी तक रोकी हुई है। इसका भुगतान न तो किसानों के खाते में किया गया और न ही आढ़तियों को वापस किया गया। सरकार के पास इस मोटी राशि को लगभग पांच से छह माह हो गए है। उन्होंने इस राशि को ब्याज सहित वापस करने की मांग की है।

किसान सुनील सिसमौर, बलराज कोटड़ा, रामफल पाई, वेदपाल पाई से जाना गया तो उन्होंने इंकार करते हुए बताया कि सरकार ने आढ़तियों से यह ब्याज गलत काटा है। किसान यूनियन के राष्ट्रीय सलाहकार अजीत सिंह हाबड़ी ने कहा कि सरकार के द्वारा किसानों व आढ़तियों के साथ धोखा किया है।

वर्जन- आढ़ती पोर्टल पर अपलोड़ करे सहमति पत्र

डीएफएससी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आढ़ती अपनी राशि काट कर किसानों की बकाया राशि 72 घंटे में दे सकता है। डीएम हैफेड सुरेश कुमार ने बताया कि आढ़ती बिना सहमति पत्र के किसान से अपना ऋण नहीं ले सकता। आढ़ती पोर्टल पर सहमति पत्र अपलोड करें व उसके बाद अपना ऋण काट कर 72 घंटे में भुगतान कर सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.