गांवों में बरसाती पानी की निकासी करें सुनिश्चित
जैसे ही बरसाती सीजन आती है प्रशासन के बाढ़ बचाव प्रबंध भी बह जाते हैं। शहर हो या गांव हर तरफ खड़ी हो जाती है जलभराव की समस्या।
जागरण संवाददाता, कैथल: जैसे ही बरसाती सीजन आती है, प्रशासन के बाढ़ बचाव प्रबंध भी बह जाते हैं। शहर हो या गांव, हर तरफ खड़ी हो जाती है जलभराव की समस्या। वजह शहर में सीवरेज बंद पड़े रहना है तो गांव में जल निकासी के साधन नहीं होना। ऐसा नहीं है कि प्रशासन की ओर से प्रबंध नहीं किए जाते, लेकिन संबंधित अफसर सिर्फ ऐसी कागजी रिपोर्ट तैयार करते है कि सब सही लगता है। बुधवार को डीसी सुजान सिंह बरसाती सीजन को देखते हुए सिचाई, लोक निर्माण, राजस्व तथा पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और समुचित प्लान के तहत निकासी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि अधिकारी संयुक्त रूप से सभी गांव का दौरा करें। संबंधित विभाग पहले से ही ऐसे स्थानों को चयनित कर लें। जहां बरसाती पानी जमा होने की संभावना है और पहले से ही पंप आदि की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें ताकि लोगों को जल भराव जैसी समस्या से नही जूझना पड़े। इस कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संबंधित उपमंडलाधीश अपने-अपने उपमंडलों पर संबंधित विभागों की टीम गठित करें, जोकि गांव-गांव जाकर ऐसे स्थानों को चयनित करके विस्तृत रिपोर्ट बनाए, ताकि भविष्य में किसी भी जगह पर जलभराव की दिक्कत नहीं हो।
उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जिन भी गांवों या शहरी क्षेत्र में इस समय जलभराव की समस्या है, उसका तुरंत समाधान करें। सभी अधिकारी खाली रिपोर्ट देने में विश्वास न करें, बल्कि लोगों की समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करें।
निरंतर कार्य क्षेत्र में जाकर आमजन से मिलकर उनकी सभी समस्याओं का समाधान करवाएं। जिन भी गांवों में जल निकासी के लिए पंप सेट लगाए गए हैं, वे सभी दुरुस्त होने चाहिए और सारा कार्य जिम्मेदारी के साथ करें। उन्होंने कहा कि गांव में तालाबों का पानी ओवरफ्लो नहीं होना चाहिए तथा बरसात के कारण किसी के घर में पानी नही जाना चाहिए।
इस मौके पर एसडीएम कमलप्रीत कौर, विवेक चौधरी, शशि वशुंधरा, डीडीपीओ जसविद्र सिंह, डीआरओ सुरेश कुमार, बीडीपीओ रोजी, फूल कुमार, नायब तहसीलदार ईश्वर सिंह, कार्यकारी अभियंता बनारसी दास, कुलदीप सिंह, वरूण, हिमांशु लाटका मौजूद रहे।