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अवैध कॉलोनियों में रह रहे 1600 परिवारों को नहीं मिलेगा पीएम आवास योजना का लाभ

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत पात्र परिवारों की संख्या 1727 है। इन परिवारों के पास अपनी छत नहीं थी और घर बनाने के लिए तीन किस्तों में सरकार की तरफ से ढाई लाख रुपये की सहायता राशि दी जानी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 10:04 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 10:04 AM (IST)
अवैध कॉलोनियों में रह रहे 1600 परिवारों को  नहीं मिलेगा पीएम आवास योजना का लाभ
अवैध कॉलोनियों में रह रहे 1600 परिवारों को नहीं मिलेगा पीएम आवास योजना का लाभ

जागरण संवाददाता, कैथल : प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत पात्र परिवारों की संख्या 1727 है। इन परिवारों के पास अपनी छत नहीं थी और घर बनाने के लिए तीन किस्तों में सरकार की तरफ से ढाई लाख रुपये की सहायता राशि दी जानी है। हालात देखिए सर्वे होने के कई महीने बीतने के बाद भी इनमें से घर बनाने के लिए सिर्फ 59 परिवारों को एक लाख रुपये की पहली किस्त मिल पाई है जबकि 90 परिवारों के नक्शे पास हो पाए हैं।

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किस्त नहीं मिलने के पीछे का कारण नक्शों का पास नहीं होना है। पहले नक्शों के लिए भारी शुल्क वसूलने और जब उसका समाधान हुआ तो अब नक्शे पास होने में अवैध कॉलोनियों का अडंगा लगा देना है। शहर में करीब 20 कॉलोनियों को पूरी तरह अवैध घोषित किया गया है। इतना ही नहीं वार्ड नंबर 19 में जहां सैकड़ों पात्र परिवार रह रहे हैं, को पूरी तरह अवैध घोषित किया गया है। पात्र परिवार नक्शे पास नहीं होने से परेशान हैं और योजना का लाभ लेने के लिए दर दर भटक रहे हैं। अब तक सिर्फ 90 परिवारों के नक्शे पास हो पाए हैं और इनमें से भी करीब 30 को पहली किस्त का इंतजार है।

सूची में नाम आने के

बाद ये चीजें जरूरी

जिन 1727 पात्र परिवारों का नाम लाभार्थियों के सूची में आया था, इनको मकान निर्माण के लिए राशि तब ही मिल पाएगी जब आवेदक के नाम जमीन का मालिकाना हक होगा। मालिकाना हक होने के बाद इसका नक्शा पास करवाना जरूरी है। उसके बाद हर बार जीओ टैंगिग होगी और फिर राशि जारी की जाएगी।

ऐसे मिलेगी तीन किस्तों में राशि

नींव भरने के बाद जीओ टैंगिग होगी और फिर एक लाख रुपये की पहली किस्त जारी होगी। उसके बाद स्ट्रक्चर खड़ा हो जाने पर जीओ टैंगिग होगी और फिर एक लाख रुपये की दूसरी किस्त जारी होगी। इसके बाद लैंटर डाले जाने के बाद जीओ टैंगिग होगी और उसके बाद 50 हजार रुपये की आखिरी किस्त जारी होगी।

पात्र बोले टूट चुके घर

बनने के इंतजार में

वार्ड नंबर 19 निवासी महिला संतरो, कमलेश रानी, राजो देवी, करेश्नी ने बताया कि वे नगर परिषद और एडीसी कार्यालय के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। पहले सर्दी और अब गर्मी में दिन काटने मुश्किल हो रहे हैं, लेकिन कोई भी उनकी समस्या सुनने को तैयार नहीं है। जो घर था वह भी नहीं रहा और बर्तन किसी पड़ोसी के घर में पड़े हैं। जब उनके वोट और आधार कार्ड व सारे कागजात वैध हो सकते हैं तो फिर उनका नक्शा क्यों नहीं पास किया जा रहा है।

पूरे प्रदेश की यही समस्या, सरकार के निर्देश के बाद ही होगी कार्रवाई

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि सिर्फ कैथल ही नहीं पूरे प्रदेश में यह समस्या सामने आ रही है। सरकार से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया है। जैसे ही निर्देश आएंगे उसके अनुसार ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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