प्राइवेट स्कूलों पर कसा शिकंजा, शिक्षा विभाग ने एडमिशन फीस नहीं लेने के दिए आदेश
पिछले कुछ दिनों से अभिभावक संघ और स्कूल संचालकों के बीच दाखिला होने लगा है।
जागरण संवाददाता, कैथल : पिछले कुछ दिनों से अभिभावक संघ और स्कूल संचालकों के बीच दाखिला फीस लेने को लेकर टकराव चल रहा है। इसके चलते स्टूडेंट्स-पेरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के माध्यम से अभिभावकों ने स्कूलों के खिलाफ 300 से अधिक शिकायतें सीएम विडो में दी है। यह शिकायतें अब शिक्षा विभाग में पहुंची तो अधिकारी एक्शन मोड में आए। अंबाला और यमुनानगर के बाद बुधवार को जिला शिक्षा अधिकारी ने पत्र जारी कर स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस लेने के आदेश जारी किए गए हैं। इसमें यह कहा गया कि विभाग के आगामी आदेशों तक कोई भी स्कूल अपनी मनमर्जी से अभिभावकों से वसूली न करें। पिछले वर्ष विभाग को दिए गए फीस के ब्यौरे के तहत ही फीस लें। इस पत्र में हाई कोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले का हवाला दिया गया है। यह भी कहा गया है कि शिकायत आने पर मुख्यालय में निदेशक को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। कोई स्कूल शिक्षा विभाग के इन आदेशों को उल्लंघन न करे।
उधर, अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल वार्षिक चार्ज मांग रहे हैं और नहीं देने पर परीक्षा परिणाम को रोका गया है। इसको लेकर पिछले करीब दस दिन से अभिभावक रोष जता रहे हैं। अभिभावकों ने कहना कि उनसे 2020-21 सत्र का 50 फीसद वार्षिक मांगा जा रहा है, जबकि वह सरकार के निर्देशों पर मासिक ट्यूशन फीस भर रहे हैं। कोरोना की वजह से किसी की नौकरी चली गई है तो किसी का कारोबार ठप हुआ है।
जिले में हैं 210 निजी स्कूल, एक ने भी नहीं दी जानकारी :
जिले के छह खंडों में कुल 210 निजी स्कूल हैं। हर वर्ष दिसंबर माह में स्कूलों को फार्म छह भरकर विभाग को अपने स्कूल में ली जाने वाली फीस का ब्यौरा देना होता है। इस बार कोरोना महामारी के कारण स्कूलों को यह फार्म भरने के 31 मार्च का समय दिया गया था, लेकिन अभी तक किसी भी स्कूल ने यह ब्यौरा नहीं दिया है। अब विभाग ने स्कूलों को सात अप्रैल तक फार्म छह को भरकर विभाग के कार्यालय में जमा करने के आदेश भी इस पत्र में दिए हैं। इसके अलावा फिलहाल जिला शिक्षा अधिकारी ने आगामी आदेशों तक पिछले वर्ष के नियमों को ही इस सत्र के लिए जारी किया है। धरातल पर जारी हो आदेश :
स्टूडेंट्स-पेरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के जिला प्रधान मोनू बत्तरा ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी ने जो पत्र जारी किया गया है, वह धरातल पर लागू होना चाहिए। इन आदेशों को सभी निजी स्कूल मानें। तभी अभिभावकों को इसका लाभ मिल सकेगा। जिला शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा ने कहा कि अभिभावकों की ओर से विभाग के पास कुछ स्कूलों की शिकायतें आ रही थीं। जिसमें यह कहा जा रहा है कि फार्म छह में दर्शाई गई फीस से अधिक फीस मांगी जा रही है। ऐसे में विभाग के निदेशालय की ओर से आगामी आदेशों तक पिछले वर्ष के आदेश ही जारी रहेंगे। इसके तहत स्कूल अभिभावकों से केवल ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे।